गांवो के स्कूलो में कुछ अनोखे अंदाज में हुआ बच्चों का स्वागत
-पहली जुलाई को खुले स्कूल बढी चहल-पहल,
-आराजीलाइन ब्लॉक में आदर्श शिक्षक की भूमिका में नजर आए गुरुजी
-शिक्षा सत्र का आगाज अप्रैल से लेकिन सारा कामकाज जुलाई से पुराने ढर्रे पर

वाराणसी. ये है उत्तर प्रदेश का शिक्षा विभाग, नकल कर सत्र की शुरूआत करा दी अप्रैल से मगर सारा काम-काज पुराने ढर्रे पर जुलाई से ही शुरू होता है यहां। ऐसे में जब पहली जुलाई को स्कूल खुले तो पहले की तरह ही स्कूलों में चहल पहल बढ गई। प्राथमिक हों या माध्यमिक स्कूल, हर जगह एक तरह से सत्र का पहला दिन ही मनाया गया। लेकिन व्यवस्था चाहे जो हो आराजीलाइन ब्लॉक के स्कूलों में गुरुओं का अपने नन्हे शिष्यों का अनोखे अंदाज में स्वागत करना भा गया।
यूं तो पूरे जिले में प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक विद्यालय खुल गए। शहर से लेकर गांव तक बच्चों की चहल-पहल नजर आई। सुबह-सुबह जल्दी से उठ कर अपना बस्ता कांधे पर लादे बच्चे स्कूल वैन, रिक्शा से जाते नजर आए। वहीं गांवो में कई बच्चों को कंधा पर झोला लटकाए जाते भी देखा गया। पहले दिन स्कूलों में बच्चों ने खूब चुहलबाजी की। गर्मी की छुट्टियों में बिताए लमहों को आपस में शेयर किया। उधर गुरुजी रजिस्टर और नए दाखिले के दांव-पेंच में ही फंसे नजर आए।
आराजीलाइन ब्लॉक के तमाम प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे खुद ही विद्यालय पहुंचे तो कहीं-कहीं अभिभावक भी बच्चों को विद्यालय छोड़ने आए थे। जूनियर व हाईस्कूल तथा इंटर कॉलेजों में भी बच्चे सुबह समय से पहुंच गए थे। विद्यालय में उत्तम माहौल बनाया गया था तथा शिक्षक भी समय से पहुंच गए थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश से जूनियर तथा प्राथमिक विद्यालयों में परिसर कक्ष की साफ सफाई 5 दिन पहले ही कर ली गई थी।
लेकिन सबसे बेहतरीन अंदाज में आराजीलाइन ब्लॉक के गंगापुर इंटर कॉलेज में गुरुओं ने बच्चों का स्वागत महफिल लूट ली। कॉलेज में पहले दिन आने वाले बच्चों का स्वागत शिक्षकों ने फूल देकर किया। कॉलेज के शिक्षक प्रणय सिंह की अगुवाई में शिक्षकों ने बच्चों को पुष्प देकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया। मॉर्निंग असेंबली में शिक्षकों ने प्रेरक व प्रेरणादाई विचारों से छात्रों को अवगत कराया। प्रणय सिंह ने बच्चों को जल संचयन की जानकारी दी। कहा की बूंद बूंद पानी बचाकर हम देश को संसाधन से परिपूर्ण कर सकते हैं।
इस दौरान डॉक्टर अरुण सिंह, डॉ रमाशंकर शास्त्री, घनश्याम, शीतला प्रसाद सिंह,हरिकेश प्रसाद ने भी छात्रों को मन लगाकर पढ़ने तथा लक्ष्य प्राप्ति कैसे करें के बारे में प्रेरक प्रसंग सुनाया।
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