CM योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में मेयर के बाद अब थर्ड जेंडर कर वसूली करेंगी। नगर निगम ने कर वसूली कार्य के लिए उन्हें निगम में नियुक्त करने का निर्णय किया है। बता दें कि इसी गोरखपुर में 2001 में एक थर्ड जेंडर आशा देवी मेयर बनी थीं। अब उन्हें नगर निगम में नियुक्त किया जाएगा। जानें क्या है तैयारी…
गोरखपु नगर निगम में काम करेंगी थर्ड जेंडर काम होगा कर वसूली का
वाराणसी. उत्तर प्रदेश में एक नई शुरूआत होने जा रही है। अब भवन स्वामियों से गृह कर की वसूली के लिए निगम के नियमित पुरुष या स्त्री कर्मचारी नहीं आएगा। बल्कि उनकी जगह ये काम थर्ड जेंडर करेंगे। नगर निगम ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि ये वही गोरखपुर है जहां 2001 में थर्ड जेंडर आशा देवी मेयर चुनी गई थीं।
गुजरात के अहमदाबाद से ली प्रेरणा बता दें कि इससे पहले थर्ड जेंडर से कर वसूली का काम गुजरात के अहमदाबाद नगर निगम ने शुरू किया था। वहां यह प्रयोग सफल रहा तो अब गोरखपुर नगर निगम ने मॉडल प्रोजेक्ट के तहत यूपी के थर्ड जेंडर को निगम में नियुक्ति देकर उनसे कर वसूली कराने का निर्णय लिया है।
गोरखपुर की इलेक्ट्रिक बस डिपो में काम रही हैं थर्ड जेंडर यहां ये भी बता दें फिलहाल इससी गोरखपुर में इलेक्ट्रिक बस डिपो के लिए तीन थर्ड जेंडर का इंटरव्यू कराकर उन्हें नियुक्त किया जा चुका है। सभी थर्ड जेंडर वहां सफलता पूर्वक अपने कार्य को अंजाम दे रही हैं।
अब नगर निगम में नियुक्त होंगी 10 थर्ड जेंडर गोरखपुर नगर निगम ने 10 थर्ड जेंडर की नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिया है। नगर आयुक्त ने बताया कि हम लोग थर्ड जेंडर की एक टीम बना रहे हैं, जिसके लिए अभी 10 थर्ड जेंडर को इस टीम का हिस्सा बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कर वसूली से के अलावा इन्हें कार्यालय के काम की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
थर्ड जेंडर महामंडलेश्वर से वार्ता के बाद उठाया कदम बताया जा रहा है कि नगर निगम में थर्ड जेंडर की सेवा लेने का प्रयोग पहली बार गुजरात के अहमदाबाद में हुआ जो पूरी तरह से सफल रहा। वो घर-घर जा कर कर वसूलते हैं। ऐसे में अहमदाबाद में प्रयोग सफल होंने के बाद गोरखपुर के थर्ड जेंडर की महामंडलेश्वर से नगर निगम के अधिकारियों से वार्ता हुई है। अब 10 थर्ड जेंडरों का चयन किया जाएगा।
गोरखपुर में हैं 70 वार्ड बता दें कि गोरखपुर महानगर में नगर निगम के कुल 70 वार्ड और 70 पार्षद हैं। इसके अलावा 10 मनोनित पार्षद हैं। 2001 में थर्ड जेंडर आशा देवी चुनी गई थीं मेयर यहां ये भी बता दें कि 2001 आशा देवी गोरखपुर महानगर की महापौर चुनी गई थीं। वह गोरखपुर की तीसरी मेयर थीं। उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। आशा देवी के मैदान में उतरने की वजह से यहां का चुनाव राष्ट्रीय फलक पर आ गया था।