scriptज्ञानवापी प्रकरण में परिसर का सर्वे कराने वाले सिविल जज को मिला धमकी भरा पत्र, बढाई गई सुरक्षा, पहले ही जता चुके थे सुरक्षा को लेकर चिंता | Threatening letter to Civil Judge Senior Division Ravi Kumar Diwakar in Gyanvapi case | Patrika News

ज्ञानवापी प्रकरण में परिसर का सर्वे कराने वाले सिविल जज को मिला धमकी भरा पत्र, बढाई गई सुरक्षा, पहले ही जता चुके थे सुरक्षा को लेकर चिंता

locationवाराणसीPublished: Jun 08, 2022 09:29:01 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

ज्ञानवापी प्रकरण में एक अति गंभीर माममला सामने आया है। इसके तहत ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने वाले वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर को धमकी भरा पत्र मिला है। पत्र दिल्ली के पते से पंजीकृत डाक से भेजा गया है। इस पत्र के मिलने की जानकारी होते ही स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस सक्रिय हुई और जज की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर जिन्हें मिला है धमकी भरा पत्र

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर जिन्हें मिला है धमकी भरा पत्र

वाराणसी. ज्ञानवापी केस की सुनवाई शुरू करने और ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को धमकी भरा रजिस्टर्ड पत्र मिला है। ये पत्र दिल्ली के पते से भेजा गया है। धमकी भरा पत्र मिलने की जानकारी सिविल जज रविकुमार दिवाकर ने सूबे के सीनियर अधिकारियों को दी है। इधर इसकी जानकारी होते ही जिला व पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने सिविल जज की सुरक्षा बढ़ा दी है। बता दें कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई जिला जज की अदालत में हो रही है। लेकिन इससे पूर्व जब सिविल जज मामले की सुनवाई कर रहे थे तब भी उन्होंने खुद की सुरक्षा को लेकर आशंका जताई थी। यहां तक कहा था कि मां और पत्नी बेहद चिंतित हैं।
बढाई गई जज के वाराणसी और लखनऊ वाले घर की सुरक्षा

जनकारी के मुताबिक सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को इस्लामिक आगाज मूवमेंट नामक संगठन की ओर से पंजीकृत डाक से धमकी भरा पत्र मिला है। ये पत्र कॉपी के पन्ने पर है। सिविल जज को धमकी भरा पत्र मिलने के बाद जज के वाराणसी और लखनऊ वाले घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके तहत नौ अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही इस प्रकरण की जांच के लिए कैंट पुलिस और क्राइम ब्रांच को लगाया गया है। पुलिस ने जज से वो पत्र भी हासिल कर लिया है।
लेटर में लिखा कि अब न्यायाधीश भगवा से सराबोर

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) मीडिया को बताया है कि उन्होंने धमकी भरा पत्र मिलने की जानाकारी से डीजीपी, अपर प्रमुख सचिव गृह और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को अवगत करा दिया है। उनका कहना है कि पंजीकृत डाक से मिला धमकी भरा पत्र किसी इस्लामिक आगाज मूवमेंट, नई दिल्ली के नाम से भेजा गया है। पत्र में लिखा है कि, “अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं।” उन्होंने बताया है कि पत्र में ये भी लिखा है कि, “आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है। फिर आपकी पत्नी और माताश्री को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। कोई भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता है।”
महीना भर पहले ही जज ने सुरक्षा को लेकर जताई थी चिंता

बता दें कि करीब महीना भर पहले ज्ञानवापी केस की सुनवाई के दौरान ही सिविज जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। यहां ये भी बता दें कि सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर ही ज्ञानवापी परिसर का दोबारा सर्वे हुआ था। उन्होंने तब अपने आदेश में कहा था कि “सर्वे चाहे ताला खुलवाकर हो या ताला तुड़वाकर, ये रुकना नहीं चाहिए।” उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि, “सामान्य से प्रकरण को असामान्य बनाकर डर का माहौल बना दिया गया है। इतना डर है कि परिवार के प्रति मेरी और परिवार की मेरे प्रति चिंता बनी रहती है। घर से बाहर होने पर पत्नी बार-बार मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है।” इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि, “11 मई को मां ने मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। संभवतः उन्हें ज्ञात हुआ था कि मैं कमिश्नर के रुप में ज्ञानवापी जा रहा हूं। उस वक्त मां ने मुझे मना भी किया कि मैं कमीशन में न जाऊं, क्योंकि वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।”
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को एक पत्र पंजीकृत डाक से मिला है। डीसीपी वरुणा जोन को इसकी जांच सौंपी गई है।
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