बता दें कि अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने रविवार को टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी को राजनितिक गंदगी और उनकी पार्टी टीएमसी को आतंकवादी संगठन बताया था। कहा था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद रोहिंग्या आतंकवादियों को छूट दी गई है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रचार पर सवाल किया और कहा कि सरकार बनने के बाद अखिलेश भी ऐसा ही करेंगे। कहा कि जहां-जहां ममता बनर्जी प्रचार करने जाएंगी चुनाव के बाद वहां-वहां गंगा जल से पवित्र करवाएंगे।
आचार्य परमहंस के बयान पर उत्तेजित टीएमसी नेताओं ने पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय इंग्लिशियालाइन में बैठक की और कहा कि ये महंत परमहंस साधु हैं या वैरागी हैं अथवा सत्ता के दलाल ये समझना मुश्किल है।पर ये बेहद संकीर्ण मानसिकता वाले अति पूर्वाग्रही ब्यक्ति जरूर प्रतीत होते हैं। उन्होने कहा कि जो विभाजनकारी सत्तारूढ़ पार्टी के सुर में सुर मिला कर उन ममता बनर्जी को गाली देने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे भारत के एक बड़े प्रांत की जनता ने भारी बहुमत से एक नहीं तीन तीन बार मुख्यमंत्री बनाया है।
टीएमसी नेताओं ने कहा कि भारत की महानतम संत परंपरा में सभी के सुखी होने और लोगों को हमेशा संमार्ग पर चलने का लोककल्याणकारी संदेश देने की गौरवशाली परंपरा रही है,जिसमें सर्वे भवंतु सुखिनः का उदात्त भाव निहित होता है। उसे ईस दरबारी महंत ने अपनी सनक में कलंकित करने का प्रयास किया है,जो घोर निंदनीय है।
बैठक को इन्होंने किया संबोधित बैठक को राधेश्याम सिंह, बैजनाथ सिंह, प्रभु नाथ पांडेय, भूपेंद्र प्रताप सिंह, ब्रम्हदेव मिश्र , एडवोकेट, ज्वाला मिश्रा, पंकज मिश्रा एडवोकेट, डॉक्टर पी एस पांडेय, दयाशंकर पांडेय, आनंद मिश्रा, सतीश मिश्र अनजान, महेंद्र चौहान, मनोज चौबे, संजय तिवारी, सतीश तिवारी, हरेंद्र शुक्ला, कमलाकांत पांडेय, नागेंद्र पाठक, गौरव पांडेय, अशोक पांडेय, निशांत ओझा राकेश पाठ, युवराज पांडेय, अवधेश जायसवाल, रमेश चौहान, उदय सिंह आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता पंडित बिजेंद्र पांडेय ने की।