कौन है ऐश्वर्या पंडित
ऐश्वर्या पंडित, आईटीवी फॉउंडेशन की चेयरपर्सन हैं। यह संगठन स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर है। यह उन गरीबों और असहायों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती जो असहाय हैं। बेहतर स्वास्थ के नारे के साथ तीन साल के कम समय में पंडित ने 180 मरीजों को गोद लिया और उनका इलाज करा रही हैं। इसमें कैंसर के मरीज भी हैं। इस नेक कार्य के लिये इन्हे दर्जनों देसी और विदेशी अवार्ड से नवाजा जा चुका है। पंजाब हरियाणा और यूपी को फोकस कर के अभी आईटीवी फाउंडेशन दर्जनों स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर चुका है।
ऐश्वर्या पंडित, आईटीवी फॉउंडेशन की चेयरपर्सन हैं। यह संगठन स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर है। यह उन गरीबों और असहायों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती जो असहाय हैं। बेहतर स्वास्थ के नारे के साथ तीन साल के कम समय में पंडित ने 180 मरीजों को गोद लिया और उनका इलाज करा रही हैं। इसमें कैंसर के मरीज भी हैं। इस नेक कार्य के लिये इन्हे दर्जनों देसी और विदेशी अवार्ड से नवाजा जा चुका है। पंजाब हरियाणा और यूपी को फोकस कर के अभी आईटीवी फाउंडेशन दर्जनों स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर चुका है।
19 साल से अभियान चला रही है आगमन बता दें कि आगमन 2001 से ही कन्या भ्रूण के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। आगमन ने समाज के प्रवुद्ध जनों की मदद से बेटी को जन्म लेने के अधिकार की आवाज को जन जन तक पहुंचाने के लिए एक नहीं अनेक अभियान चलाया। शहर से लेकर गांव तक के लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। यहां तक अपने लोगों को देश भर में घुमाया। कुछ तो साइकिल यात्रा पर निकले और बनारस से महाराष्ट्र तक की साइकिल यात्रा कर लोगों को जागरूक किया। जहां भी पता चला कि नर्सिंग होम में गर्भपात कराया जाता है तो वहां प्रदर्शन भी किया। अब उसी कड़ी में संजीवनी दूत शीर्षक से ब्रांड एम्बेसडर बनाने का बीड़ा उठाया है।
बेटी के लिए नई लडाई का आगाज करेंगे ये दूत
संस्था के चेयरपर्सन डॉ संतोष ओझा बताते हैं कि ये दूत न केवल बेटी को जन्म की सुरक्षा और अधिकार की बात करेंगे बल्कि बेटी के लिए नई लडाई का आगाज भी करेगें। आगमन सामाजिक संस्था का मानना है कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ समाज में माहौल तैयार करने के लिए समाज के ही अलग अलग वर्ग के लोगो से मिलकर उन्हें आगे लाकर बेटी के जन्म का न केवल संदेश दिलाया जाय बल्कि समाज से इस कुकृत्य को दूर करने के लिए उनके द्वारा भी व्यक्तिगत प्रयास भी किया जाय। इस अभियान के तहत आगमन संस्था भ्रूण हत्या के खिलाफ अपने निरन्तर चल रहे 10 बड़े अभियानों से जुड़ीं जानकारियरों की एक टेवल काफ़ी बुक बनवाई है जिसे समाज के अलग अलग वर्ग से जुड़ें ऐसे 200 सामाजिक व्यक्तियों को प्रदान किया जाना है। जो सामाज में न केवल जाने जाते है बल्कि उनका समाज पर प्रभाव भी है।
संस्था के चेयरपर्सन डॉ संतोष ओझा बताते हैं कि ये दूत न केवल बेटी को जन्म की सुरक्षा और अधिकार की बात करेंगे बल्कि बेटी के लिए नई लडाई का आगाज भी करेगें। आगमन सामाजिक संस्था का मानना है कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ समाज में माहौल तैयार करने के लिए समाज के ही अलग अलग वर्ग के लोगो से मिलकर उन्हें आगे लाकर बेटी के जन्म का न केवल संदेश दिलाया जाय बल्कि समाज से इस कुकृत्य को दूर करने के लिए उनके द्वारा भी व्यक्तिगत प्रयास भी किया जाय। इस अभियान के तहत आगमन संस्था भ्रूण हत्या के खिलाफ अपने निरन्तर चल रहे 10 बड़े अभियानों से जुड़ीं जानकारियरों की एक टेवल काफ़ी बुक बनवाई है जिसे समाज के अलग अलग वर्ग से जुड़ें ऐसे 200 सामाजिक व्यक्तियों को प्रदान किया जाना है। जो सामाज में न केवल जाने जाते है बल्कि उनका समाज पर प्रभाव भी है।
अब तक जो बने संजीवनी दूत उन्होंने बताया कि संजीवनी दूत के रूप में जिन बड़े नाम को अब तक जोड़ा गया है उनमें आईटीवी की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित के अलावा आर पी सिंह (सीईओ ,सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ), रामेश्वरपुरी (महंत अनपूर्णा मंदिर), डॉ बी एन मिश्रा (चिकित्साधीक्षक बीएचयू सरसुंदर लाल चिकित्सालय), डॉ टी पी चतुर्वेदी (बीएचयू दंत चिकित्सा संकाय), मिथलेश पांडेय (एजीएम,बैंक ऑफ़ बड़ोदा लखनउ), शशि पांडेय (पहली महिला पूर्व चेयरमेन नगर परिषद ,सासाराम), सी पी मिश्रा (संयुक्त सचिव जीएसटी लखनऊ), वागीश शास्त्री (विद्वान शिवाला) औरडॉ रीता बहुगुणा जोशी (यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री) प्रमुख हैं।