इन बातों का रखें खयाल 1-यदि तूफान में फंसें हैं तो सबसे पहले किसी छत की तलाश करें। घर के अंदर होने पर खिड़कियों से दूर रहें।
अगर कोई जगह या छत न मिल पा रही हो तो ऐसी जगह ढूंढें जहां आस-पास लंबे पेड़, दीवार, बिजली का खंभा या धातु के उपकरण न हों।
अगर कोई जगह या छत न मिल पा रही हो तो ऐसी जगह ढूंढें जहां आस-पास लंबे पेड़, दीवार, बिजली का खंभा या धातु के उपकरण न हों।
2-खिड़कियों और दरवाजों के अच्छी तरह बंद करदें। इन्हें भारी सामान से रोक दें ताकी तेज हवा आने पर झटका लगने से वो न खुलें। 3- गाड़ी के अंदर होने पर गाड़ी ऐसी जगह पार्क करें जहां किसी भी तरह की उड़ती हुई चीज आने का खतरा न हो।
4- तूफान में गाड़ी के अंदर रेडियो न चलाएं। रेडियो और उसके एंटिना के जरिए आसमानी बिजली की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। 5-जितना हो सके तूफान के समय शरीर के सभी अंग ढक कर रखें। तूफान में चलने वाली धूल भरी आंधी से स्किन इंफेक्शन या रैश हो सकते हैं।
6-तूफान के वक्त नहाएं नहीं क्योंकि पानी में करंट तेजी से फैलता है, इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है। 7- परिवार के साथ कहीं बाहर जाने का प्लान न करें 8- किसी नदी या पानी के स्थानों पर नौका बिहार करने से बचें ये आप और आपके परिवार के लिए खतरा बन सकता है।
9–सबसे बेहतर विकल्प है कि तूफान के समय घर से बाहर न निकलें। यदि ऑफिस में हैं तो तूफान और बारिश के बंद होने का इंतजार करें।
9–सबसे बेहतर विकल्प है कि तूफान के समय घर से बाहर न निकलें। यदि ऑफिस में हैं तो तूफान और बारिश के बंद होने का इंतजार करें।
यूपी में खतरा अधिक ये अनुमान पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में लगाया गया है। मौसम विभाग ने इसको लेकर एलर्ट जारी कर दिया है। इसमें अगर पूर्वांचल की बात करें तो इसका खतरा गोरखपुर, बलिया, महाराजगंज समते कई अन्य जिलों पर भी है। इसके साथ ही ये आंधी तूफान यूपी के कई पश्चिमी जिलों पर भी खतरा बढ़ाता दिख रहा है। साथ ही पड़ोस के जिलों में भी इसके असर से इनकार नहीं किया जा सकता। 48 घंटे में इस तूफान और धूल भरी आंधी आने को लेकर अलर्ट किया गया है। ***** अलर्ट के बाद किसानों और आम लोगों में किसी नुकसान के अंदेशे को लेकर चिंता बढ़ गयी है।
कुछ दिन पहले ही तूफान ने मचाई थी भयानक तबाही अभी मई माह के शुरूआत में ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में आए आंधी-तूफान ने जबरदस्त तबाही मचाई थी। लगभग 140 किलोमीटर की रफ्तार से आई आंधी के चलते सैकड़ों की संख्या में पेड़ उखड़ गए थे। मकानों की छतें उड़ गई थीं और दीवार ढह गए थे. इससे यहां 124 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इसको देखते हुए हमें इस चेतावनी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।