चुनाव में जमकर काला धन का प्रयोग होता है। पूर्व चुनाव में करोड़ों रुपये पकड़े गये थे। विभिन्न राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं। इसके अतिरिक्त चुनाव प्रचार में भी जमकर पैसा खर्च किया जाता है। चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च की सीमा तय कर दी है इसलिए विभिन्न दल के प्रत्याशी चोरी-छिपे काला धन का प्रयोग करते हैं। चुनाव में पैसा खर्च करने के लिए वाहनों या अन्य किसी साधन में छिपा कर कैश एक शहर से दूसरे शहर में ले जाया जाता है जहां पर प्रत्याशी अपनी सुविधानुसार इसे खर्च करते हैं। आयकर विभाग को इस बात की जानकारी रहती है इसलिए अधिसूचना जारी होने के बाद ही आयकर विभाग ने ट्रोल फ्री नम्बर जारी कर दिया है।
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10 लाख से अधिक कैश मिलने पर आयकर विभाग को दी जाती है जानकारी
आयकर विभाग के अतिरिक्त पुलिस भी लगातार चेकिंग अभियान चलाती है। नियमानुसार 10 लाख से अधिक कैश या आभूषण आदि मिलता है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाती है। आयकर विभाग पूरे मामले की जांच करता है यदि पैसे से जुड़े दस्तोवज सही होते हैं तो धनराशि को रिलीज कर दिया जाता है यदि संबंधित व्यक्ति कागजात नहीं दिखा पाता है तो पैसा जब्त किया जाता है।
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