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वाराणसी

काशी में हुआ यातना पीड़ितो का सम्मान, सम्मानित लोगों ने साझा किए अपने अनुभव, देखें तस्वीरों में…

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6 years ago
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मानवाधिकार जननिगरानी समिति, जनमित्र न्यास, सावित्री बा फूले महिला पंचायत के संयुक्त तत्वाधान में यातना पीडितो के संघर्ष के लिए आयोजित सम्मान-समारोह में सोनभद्र पुलिस की यातना के 12 तथा वाराणसी पुलिस यातना, फर्जी मुठभेड़ व घरेलू हिंसा के 06 पीडितो को सम्मानित किया गया। इस मौके पर संस्था के सीईओ डॉ लेनिन रघुवंशी ने बताया कि आज समाज में जिसके साथ भी अन्याय होता है वह एकदम हाशिये पर चला जाता है। उसे अपने घर, परिवार और समाज का भी समर्थन नहीं मिलता। उल्टे उसे दबाने का प्रयास किया जाता है, चाहे उत्पीड़न पुलिस या राज्य सरकार के मार्फत हुआ हो। ऐसे में हम ऐसे बहादुर पीडितो का सम्मान कर समाज में यह संदेश देना चाहते है कि लड़ाई अगर संवैधानिक तरीके से लगातार लड़ी जाय तो न्याय अवश्य मिलता है। इसका उदाहरण आज यहां इस कार्यक्रम में उपस्थित ये पीड़ित है, जिन्होंने अनेक चुनौतियों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और लगातार कानूनी प्रक्रिया के तहत संघर्ष कर अपने आप में एक उदहारण प्रस्तुत किया। ऐसे ही अन्य पीडितो को पूर्व में भी सम्मानित किया जा चुका है जिससे उनके अंदर आत्म विश्वाश बढ़ा है और अब वो एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने समाज व पीडितो को न्याय दिलाने के संघर्षो में मदद कर रहे है।

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स्वामी अग्निवेश ने कहा कि आज मुझे इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर बहुत अच्छा लगा की वर्तमान परिस्थिति में यह सम्मान ऐसे पीडितो को दिया जा रहा है जो लगातार अपने परिवेश और संघर्षो के बावजूद न्याय के लिए लगातार संघर्ष करते रहे है। इसके साथ ही यह भी बहुत बड़ी बात है कि अपने जैसे पीडितो के लिए ये एक आदर्श उदहारण भी प्रस्तुत कर रहे है। इन्हें देखकर इनके जैसे अन्य पीड़ित भी अपने खिलाफ हुए अन्याय के खिलाफ लगातार संवैधानिक तरीके से संघर्ष कर न्याय पाने की प्रक्रिया में लगे है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ऐसे लोग भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था में अपना विश्वास रखते है, जबकि भारत में आज ऐसा माहौल बना है की व्यक्ति संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखता है तो कुछ फासीवादी ताकतें उनके ऊपर हमला कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास करती हैं। इसका ज्वलंत उदहारण मै खुद हूं कि इधर बीच मेरे ऊपर फसीवादी ताकतों ने कई बार हमला करवाकर मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि जो हमारे देश की मूल भावना बसुधैव कुटुम्बकम है उसकी तरफ समाज को लौटना पड़ेगा तभी हम समाज के सर्वांगीण विकास की और बढ़ सकते है।

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09 वर्षीय पीड़ित आकाश चौधरी की मां ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि पिछले 4 वर्षो से वह लगातार न्याय के लिए संघर्ष कर रही थी आज उसे न्याय मिला। मेरे बेटे आकाश चौधरी के पैर का इलाज कराने के लिए जब मै शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल में गई तो वहां पर डाक्टरों और एक कम्पाउण्डर की लापरवाही से मेरे बच्चे का पैर काटना पडा। उसके बाद मै लगातार अपने बच्चे के इलाज के लिए न्याय की गुहार लगाती रही पर संस्था की पैरवी के कारण आज मेरे बच्चे के इलाज के लिए 02 लाख रुपये सरकार से मिला है। साथ ही वो कम्पाउण्डर निलंबित हुआ और उसके ऊपर मुकदमा चल रहा है। यह न्याय एक लम्बे संघर्ष के बाद मुझे मिला।

 

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अन्य पीडितो ने भी अपने ऊपर हुए अन्याय को लोगो के समक्ष साझा किया और यह भी बताया कि इस पीड़ा से निकालने के लिए हमें पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर कितना संघर्ष करना पड़ा। साथ ही यह भी बताया कि न्याय मिलने के बाद आत्म संतुष्टि और आत्म विश्वाश जो हमें प्राप्त हुआ उसने पिछले किये गए संघर्षो को एक सुखद क्षण में परिवर्तित कर दिया और यह भी विश्वाश बढ़ा की न्याय पाने के प्रक्रिया लंबी तो हो सकती है लेकिन जीत हमेशा न्याय की ही होती है। आज इस कार्यक्रम के द्वारा जो हमें सम्मान प्राप्त हुआ है वो हमारे इरादों को और मजबूती प्रदान करेगा। हमें भविष्य में भी संघर्ष करने की हिम्मत देता रहेगा। उन्होने वायदा किया कि हम अन्य पीडितो के संघर्षो की लड़ाई में अपना सहयोग देते रहेंगे। इस कार्यक्रम में वाराणसी और सोनभद्र के पीडितो के आलावा और भी नागर समाज के सैकड़ो लोग उपस्थित हुए।

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