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किसान, श्रमिक व शिक्षक संगठनों की एक दिन की हड़ताल, काम-काज होगा बुरी तरह प्रभावित

locationवाराणसीPublished: Jan 07, 2020 05:35:43 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-10 केंद्रीय संगठनों ने किया है राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान-देश भर के बिजली कर्मचारी भी रहेंगे हड़ताल पर-माध्यमिक शिक्षक संघ (चेतनारायण गुट) का चाक डाउन भी बुधवार से-किसान से लेकर व्यापारी, उद्यमी, व्यापारी, मजदूर, श्रमिक सभी काम से रगेंगे विरत

Trade union Strike प्रतीकात्मक फोटो

Trade union Strike प्रतीकात्मक फोटो

वाराणसी. केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय व प्रदेशीय संगठनों के आह्वान पर बुधवार 8 जनवरी को बनारस सहित पूरे देश में एक दिन की हड़ताल रहेगी। इस दौरान खेत किसना से लेकर मजदूर, श्रमिक, व्यापारी, उद्यमी सभी शामिल होंगे। व्यावसायिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। यहां तक कि सब्जी मंडियों से भी उठान नहीं होगी। प्रमुख बाजारों में भी बंदी की आशंका है। इस बीच कई बैंकों के भी इस हड़ताल में शामिल होने से बैकिंग सेवा भी प्रभावित होगी। वहीं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के भी 8 जनवरी को ही देश व्यापी कार्यबहिष्कार की घोषणा से बिजली से जुड़े इंजीनियर और कर्मचारी भी कार्य बाधित रहेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेतनारायण गुट) ने भी इसी दिन से प्रदेश भर में चाक डाउन का ऐलान किया है।
ट्रेड यूनियनों की इस हड़ताल के मद्देनजर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। एडीजी जोन बृजभूषण ने कहा है कि पूरे जोन में एहतियातन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विभिन्न संगठनों के नेताओं से भी संपर्क में है पुलिस प्रशासन।
ट्रेड यूनियन लीडर अजय मुखर्जी ने पत्रिका को बताया कि 10 ट्रेड यूनियनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी सहित विभिन्न संघों और फेडरेशनों ने पिछले साल सितंबर में आठ जनवरी, 2020 को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकारों की जनविरोधी, श्रम विरोधी नीतियों, महंगाई, पुरानी पेंशन सहित 15 सूत्री मांगों के समर्थन में यह हड़ताल की जा रही है।
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इसके तहत केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त बयान में कहा कि हड़ताल के जरिए वे सरकार से श्रमिक विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग करेंगे। उनके मुताबिक श्रम मंत्रालय अब तक श्रमिकों को उनकी किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है। बयान में कहा गया है कि छात्रों के 60 संगठनों तथा कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। दावा है कि इसमें 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। हड़ताल की वजह से बैंकों का काम-काज प्रभावित होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि8 जनवरी को एक तरह से खेत से लेकर बाजार तक बंदी ही नजर आएगी। बनारस के चांदपुर स्थित इंडस्ट्रियल स्टेट, रामनगर औद्योगिक संस्थान में भी बंदी रहेगी। सब्जी मंडी बंद रहेगी तो प्रमुख बाजारों में भी बंदी का असर नजर आएगा। केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से सरकारी कामकाज प्रायः ठप रहेगा। बैंकिंग सेवा भी प्रभावित रहेगी। इस बंदी में कई बैंकिंग इम्प्लाइज संगठनों ने भी सहभाग करने का ऐलान किया है। इसके तहत क्लर्कियल स्टॉफ पूरी तरह से काम से विरत रहेगा।
बिजली कर्मचारी, इंजीनियर भी हड़ताल पर
उधर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बिजली के निजीकरण की दृष्टि से इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में किए जा रहे प्रतिगामी संशोधनों के विरोध में तथा अन्य ज्वलंत समस्याओं बिजली निगमों के एकीकरण व पुरानी पेंशन बहाली के लिए उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर एवं अभियन्ता आगामी 08 जनवरी को देश के 15 लाख बिजली कर्मचारियों के साथ एक दिन का कार्य बहिष्कार करेगें।
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की मुख्य मांगें

-बिजली निगमों का एकीकरण कर केरल व हिमाचल प्रदेश की भांति उप्रराविप लिमिटेड का पुनर्गठन किया जाय
– बिजली के निजीकरण की दृष्टि से इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में किए जाने वाले समस्त संशोधन वापस लिए जायं
– विद्युत परिषद के विघटन के बाद बिजली निगमों में भर्ती हुए सभी कर्मचारियों व अभियंताओं के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाय
– श्रम कानूनों में किए जा रहे समस्त प्रतिगामी संशोधन वापस लिए जाएं
– आगरा का विद्युत वितरण फ्रेन्चाईजी करार व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाय
– कर्मचारियों को रिफार्म एक्ट 1999 एवं ट्रांसफर स्कीम 2000 के तहत मिल रही रियायती बिजली की सुविधा (एलएमवी 10) पूर्ववत बनाये रखी जाय व मीटर लगाने के आदेश वापस लिए जाय
– सरकारी क्षेत्र के बिजली उत्पादन गृहों का नवीनीकरण/उच्चीकरण किया जाय
– निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीद के लिए सरकारी बिजली घरों को बंद करने की नीति समाप्त की जाय
– बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियों का तत्काल निराकरण किया जाय
– सभी श्रेणी के समस्त रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जाय
– नियमित प्रकृति के कार्यों में संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा कर्मियों को वरीयता देते हुए तेलंगाना सरकार के निर्णय की तरह नियमित किया जाय
– बिजली कर्मचारी सुरक्षा अधिनियम शीघ्र बनाया जाय
यूपी के शिक्षकों का चाक डाउन

इस बीच के उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेतनारायण गुट) ने 8 जनवरी से आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इसके तहत दो चरण में प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन होगा। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष शिक्षक विधायक चेतनारायण सिंह ने इसकी घोषणा की है।
संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी अशोक कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष के विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसके तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में अलग-अलग तिथियों में कार्य वहिष्कार करते हुए भारी संख्या में जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजाजाएगा। इसके बाद शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।
घोषित कार्यक्रम के तहत 8-10 जनवरी तक इन जिलो में होगा कार्यबहिष्कार
1-8 जनवरी 2020 को मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद व लखनऊ मण्डल में सभी जनपद कार्य वहिष्कार कर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित करेंगे।
2- 9 जनवरी 2020 को कानपुर, झांसी, चित्रकूट, प्रयागराज, आगरा व अलीगढ़ मण्डल के सभी जनपद कार्य वहिष्कार कर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित करेंगे।
3- 10 जनवरी 2020 को विंध्याचल, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर , बस्ती, फैजाबाद व देवी पाटन मण्डल के सभी जनपद कार्य वहिष्कार कर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित करेंगे।
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आंदोलन के दूसरे चरण में शिक्षा निदेशक माध्यमिक 18, पार्क रोड-लखनऊ के कार्यालय पर धरना दिया जाना है, जिसमें मंडलवार भारी संख्या में पदाधिकारियों व शिक्षकों शामिल होंगे।
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