पिछले साल ही ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का हुआ था गठन बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले मुख्यमंत्रित्व काल में 2021 में ही ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया था। अब उन वंचित समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ कर उन्हें बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 18 अप्रैल को ट्रांसजेंडर समुदाय की खातिर कल्याणकारी कदम उठाने को कहा था।
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सीएम योगी के शहर में कर वसूलेंगे थर्ड जेंडर, मॉडल तौर पर लागू की जा रही योजनायूपी में ट्रांसजेंडर की आबादी है 20 लाख जानकारी के मुताबिक यूपी में ट्रांस जेंडर की कुल आबादी लगभग 20 लाख है। लेकिन इसमें से अधिकांश के पास शिक्षा व आजीविका के समुचित संसाधन उपलब्ध नहीं है।
जनगणना का उद्देश्य इस समुदाय को आधार कार्ड से जोड़ना
बताया जा रहा है कि जनगणा, राज्य में ट्रांसजेंडर की पहचान करने और आधार कार्ड में उनका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए होगी। इससे वो सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके तहत सूबे के 75 जिलों में डेटा बेस तैयार होगा जिसे केंद्र सरकार संग साझा किया जाएगा।
शिक्षा पर व्यय होंगे 25 करोड़ रुपये विभागीय सूत्रों के मुताबिक सूबे के ट्रांसजेंडर के कल्याण और विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसमें से करीब 25 करोड़ रुपये इस वंचित समुदाय की शिक्षा पर व्यय होगा।
बुजुर्ग ट्रांसजेंडर के लिए बनेगा गरिमा गृह
इतना ही नहीं योजना के मुताबिक इस समुदाय के बुजुर्गों के लिए गरिमा गृह का निर्माण भी होगा, ताकि वृद्धावस्था में उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने को मिल सके। साथ ही ट्रांसजेंडर बहुल क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के लिए आधारभूत ढांचा सुदृढ किया जाएगा। इसके तहत बिजली, पानी और पक्की सड़कों की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
समाज कल्याण विभाग ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव
जानकारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग ने अपना प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज भी दिया है। अब जैसे ही सरकार से हरी झंडी मिलती है, रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो जाएगा।