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लॉकडाउन में बनी बनारस पुलिस और तेलंगाना के ‘अन्ना’ की दोस्ती को आप भी करेंगे सैल्यूट, बना ऐसा रिश्ता जो जिंदगी भर रहेगा याद

locationवाराणसीPublished: May 23, 2020 04:10:52 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

लॉकडाउन में बनारस पुलिस और और दो हज़ार किलोमीटर दूर तेलंगाना के अन्ना के बीच बन गया।

लॉकडाउन में बनी बनारस पुलिस और तेलंगाना के 'अन्ना' की दोस्ती को आप भी करेंगे सैल्यूट, बना ऐसा रिश्ता जो जिंदगी भर रहेगा याद

लॉकडाउन में बनी बनारस पुलिस और तेलंगाना के ‘अन्ना’ की दोस्ती को आप भी करेंगे सैल्यूट, बना ऐसा रिश्ता जो जिंदगी भर रहेगा याद

वाराणसी. कहते हैं किसी का मिलना बिछड़ना ये विधि का विधान होता है। पर उस मेलजोल के समय को हम एक रिश्ते में बदल पाते हैं तो वो हमारे स्वाभाव व्यवहार की कुशलता को हमेशा के लिए अमिट बना जाती है। लॉकडाउन में ऐसे ही सालों के न जामे कितने साथ छूट गए कितनों ने रास्ते में अपनों की मौत देखी तो कितनों ने सड़कों को धरती पर नए भाई बहन माता पिता वापस ला दिए।

ऐसा ही एक रिश्ता लॉकडाउन में बनारस पुलिस और और दो हज़ार किलोमीटर दूर तेलंगाना के अन्ना के बीच बन गया। दरअसल फरवरी के अंतिम दिनों में तेलंगाना के नालगोंडा जिले रहने वाले “जम्पला श्रीनैय्या उर्फ अन्ना को काशी दर्शन की इच्छा हुई। वो अकेले वहां से बनारस आ गए। इस बीच कोरोना महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। अब अन्ना के पास न तो घर जाने का कोई साधन था और ना ही बनारस में रुकने का कोई जगह। अन्ना बनारस में घूमते- घूमते लहरतारा के इलॉके में पहुँच गया। एक दो दिन तक भूख प्यास से परेशान अन्ना को पता चला की थाने मसान खाना मिलता है तो लहरतारा चौकी पर खाना लेने आ जाता फिर किसी दुकान के पीछे रहकर वक्त काटने लगा।

हर रोज खाने लेने आते देख एक दिन चौकी इंचार्ज अजय यादव ने उसके बारे में पूछ लिया तो अन्ना अपनी व्यथा बताते हुए रोने लगा।अजय ने अन्ना को उसके घर वालों का नंबर लेकर बात कराया। घरवालों को आश्वासन दिया कि जैसे ही कोई आवागमन की व्यवस्था बनेगी अन्ना को भेज दिया जाएगा। पुलिस महकमे की तरफ से आश्वासन दिया गया की इन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। तब से अन्ना सुबह-शाम लहरतारा चौकी पर ही रहता था। इसके रहने के लिए भी पुलिस के जवानों ने पास में ही इंतजाम करा दिया। लम्बा समय बीता तो प्रशासन की तरफ से फंसे लोगों की सूची मांगी गई।

ऐसे में अन्ना का भी नाम पता भेजा गया। इस बीच लहरतारा चौकी इंचार्ज अजय ने ने हैदराबाद के एक एनजीओ व बस मालिक राजा साईं से संपर्क किया। राजा साईं ने बताया की उसकी कुछ बसें गोरखपुर मजदूरों को छोड़ने आई थी। जो वापस लौट रही हैं आर काफी आगे आ गईं हैं। पुलिस महकमे के अनुरोध के बाद बस मालिक राजा सांई ने सिर्फ एक व्यक्ति को ले जाने पर मां गया। तकरीबन 100 किमी याआगे जा चुकी बस को फिर मालिक ने बनारस अन्ना को लेने के लिए भेज दिया। पुलिस वालों ने अन्ना की सम्मान से विदाई किया।

अन्ना ने तेलंगाना स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचकर शुक्रवार की रात चौकी इंचार्ज अजय को वीडियोकाल किया और अपने परिजनों से अजय का परिचय कराया। आया की पत्नी और परिवार ने कहा यूपी पुलिस और बनारस को हम हमेशा याद करेंगे। अन्ना ने ये कहकर सल्यूट किया कि यूपी पुलिस का कोई जवाब नहीं। बनारस पुलिस ने कहा जब आएं हमारी दोस्ती पूरी जिंदगी के लिये बन गई है।

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