scriptUP biggest scam: पॉवर कारपोरेशन के जूनियर इंजीनियरों का कार्यबहिष्कार जारी | UP biggest scam Electricity engineers strike continues | Patrika News

UP biggest scam: पॉवर कारपोरेशन के जूनियर इंजीनियरों का कार्यबहिष्कार जारी

locationवाराणसीPublished: Nov 21, 2019 06:03:14 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

– UP biggest scam: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार पर लगाया टकराव बढ़ाने का आरोप-यूपी सरकार से पीएफ के भुगतान को गजट नोटीफिकेशन जारी करने की मांग- बनारस सहित पूरे प्रदेश में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन का कार्य बहिष्कार जारी

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन का कार्यबहिष्कार

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन का कार्यबहिष्कार

वाराणसी. UP biggest scam के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आंदोलन जारी है। समिति ने 28 नवंबर से अनिश्चित कालीन कार्यबहिष्कार के बाबत गुरुवार को अलग-अलग जगह बैठकें और सभाएं कर रणनीति को अमली जामा पहनाने की कवायद की। इस क्रम में बनारस में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा।
इस बीच विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पीएफ घोटाले के मामले में चल रहे बिजली कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आन्दोलन के दौरान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के रवैये को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि ऊर्जा मंत्री के बयानों से ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर टकराव का वातावरण बन रहा है। संघर्ष समिति ने गुरुवार को प्रदेश सरकार व ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन को 28 नवम्बर से अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार की नोटिस दे दिया। अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के अभियान में बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं ने प्रदेश भर में समस्त परियोजनाओं व जिला मुख्यालयों पर विरोध सभायें और प्रदर्शन किए।
बिजली कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के इस बयान पर आक्रोश व्यक्त किया जिसमें उन्होंने प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले के लिए ट्रस्ट के कर्मचारी प्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि श्रीकांत शर्मा के ऊर्जा मंत्री रहते हुए ट्रस्ट की एक भी बैठक नहीं हुई और अरबों रूपये का घोटाला होता रहा तो यह ट्रस्ट के कर्मचारी प्रतिनिधियों की नहीं अपितु ऊर्जा मंत्री की नैतिक जिम्मेदारी है। संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि बिजली कर्मचारियों का शांतिपूर्ण आन्दोलन प्रदेश सरकार के नहीं अपितु घोटाले के विरोध में है। अतः ऊर्जा मंत्री को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जिससे समाधान के बजाय टकराव बढ़ता हो।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से पुनः अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप कर बिजली कर्मचारियों के प्राविडेन्ट फण्ड के भुगतान की गजट नोटिफिकेशन जारी कराने की कृपा करें जिससे बिजली कर्मचारी निश्चिन्त होकर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने में जुटे रह सकें। संघर्ष समिति ने यह भी मांग की है कि घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व चेयरमैनों को जो ट्रस्ट के भी चेयरमैन रहे हैं सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाय।
संघर्ष समिति की 28 नवम्बर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के नोटिस में यह चेतावनी दी गई है कि यदि शांतिपूर्ण ध्यानाकर्षण आन्दोलन के दौरान किसी का भी उत्पीड़न किया गया या किसी को भी गिरफ्तार किया गया तो बिना और कोई नोटिस दिए उसी समय सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता अनिश्चितकालीन पूर्ण हड़ताल और सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व प्रबन्धन की होगी।
जूनियर इंजीनियरों ने कहा कि ट्रस्ट के नियमों को ताक पर रखकर भारत सरकार के दिशा निर्देशो एवं मानको के विपरीत कार्मिको के पीएफ की राशि को एक डिफाल्टर घोषित निजी बैंक डीएचएफएल मे बडे पैमाने पर 4122.70 करोड़ रुपये निवेश किये गए। कहा कि ये वो दिवालिया घोषित होने के कगार पर खड़ी कंपनी है जिस पर उच्च न्यायालय मुंबई पहले ही किसी भी प्रकार की धनराशि अंतरण किए जाने के रोक लगा रखा है।
पूर्वांचल के अध्यक्ष अवधेश मिश्रा ने बताया गया कि संगठन द्वारा उप्र सरकार एवं शासन से यह मांग की गयी थी कि ऊर्जा क्षेत्र के कार्मिको के मेहनत व गाढी कमाई के अंश की राशि का जो की अधर मे फंसी है के सुरक्षा की गारंटी हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राजाज्ञा पत्र कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। ऊर्जा विभाग में जीपीएफ व सीपीएफ ट्रस्ट के माध्यम से कर्मचारियो के भविष्य निधि राशि का किए गए अरबों रुपये (लगभग 41.22 अरब) के घोटाले के जिम्मेदार बोर्ड ऑफ़ ट्रस्ट के तत्कालीन चेयरमैन एवं सदस्य ट्रस्टी जिन भी स्थानो पर कार्यरत हो उन्हे तत्काल निलंबित कर उन्हें सीबीआई पुलिस हिरासत में लेकर प्रभावी एवं पारदर्शी जांच करायी जाय। उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर के विभिन्न ट्रस्टो मे पीएफ राशि की संचित धन का श्वेत पत्र जारी किया जाय।
वाराणसी के संरक्षक इं केदार तिवारी ने कहा कि संगठन, मुख्यमंत्री उप्र सरकार को दिनांक 13 नवंबर को ज्ञापन के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर न्याय प्रदान करने की का अनुरोध किया गया था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक इस सम्बंध मे उप्र सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस दशा मे आज लगातार दूसरे दिन भी लगातार प्रदेश के समस्त जूनियर इंजीनियर एवं प्रोन्नत अभियंता मजबूरन कार्य बहिष्कार पर है।
जिला अध्यक्ष संजय भारती ने बताया की संघर्ष समिति का जो दिशा निर्देश मिलेगा उसे हम पालन करेंगे क्योंकि राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन संघर्ष समिति के साथ संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ेगा इसलिए संघर्ष समिति के समस्त दिशानिर्देशों के अनुसार जनपद के सारे और अवर अभियंता एवं प्रोन्नत अभियन्ता मिलकर उसे कार्यक्रम को सफल बनाएंगे
सभा में केदार तिवारी, सर्वेश शुक्ला, रत्नेश सेठ, गौतम शर्मा, संतोष कुमार मौर्या, जितेंद्र प्रसाद, उपेंद्र कुमार, सुनील सिंह, सर्वेश कुमार विश्वकर्मा, लाल व्रत, गुलाब प्रजापति, आनंद सिंह, मनीष श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, कृष्णलाल, राजेश गौतम, विल्सन राज, सुशील कुमार, प्रवीण आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता संजय भारती ने की जबकि संचालन नीरज कुमार बिंद ने किया।
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