यूपी बोर्ड ने नकल पर नकेल कसने के लिए ऐसे-ऐसे इंतजाम करने का निर्णय लिया है जिसके बारे में आम तौर पर सोचा भी नहीं जा सकता। ये सब बोर्ड की साख बचाने के लिए किया जा रहा है। यह दीगर है कि परीक्षा में ज्यादा सख्ती और ढीली-ढाली पढाई के चलते छात्रों की तादाद में लगातर कमी आ रही है।
बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 2020 की परीक्षा में कुल 5601034 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें सर्वाधिक 3033961 परीक्षार्थी हाईस्कूल और 2567073 परीक्षार्थी इंटरमीडिएट के हैं। यह संख्या 2019 की बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत परीक्षार्थियों के सापेक्ष काफी कम है। यूपी बोर्ड ने पूर्व में 2020 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त और 2021 की बोर्ड परीक्षा के लिए 9वीं और 11वीं के छात्रों के पंजीकरण की तिथि 25 अगस्त तक की थी लेकिन कई जिलों के बाढ़ से प्रभावित होने की वजह से आवेदन और पंजीकरण में आई दिक्कत को देखते हुए बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन ने 2020 की परीक्षा के लिए आवेदन और 2021 के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि 5 सितंबर तक बढ़ा दी थी। हाईस्कूल की परीक्षा में 3012855 संस्थागत और 21106 व्यक्तिगत (प्राइवेट) यानी कुल 3033961 परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं इंटरमीडिएट की परीक्षा में 2496531 संस्थागत और 70542 प्राइवेट यानी कुल 2567073 परीक्षार्थी शामिल होंगे।
यूपी बोर्ड, 10वीं और 12वीं की परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने के लिए 2018 से कुछ ज्यादा ही सख्त है। पहले परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। अगले साल वॉयस रिकार्डर लगवाया गया। हालांकि इन दोनों का ही शिक्षकों व प्रधानाचार्यों ने काफी विरोध किया। आर्थिक संसाधन न होने की दुहाई दी। लेकिन चली एक नहीं। नतीजा सामने है। ऐसे में बोर्ड ने अबकी यानी 2020 की परीक्ष के लिए और सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक इस दफा लोकसभा और विधासभा या नगर पंचायत या जिला पंचायत चुनावों की तर्ज पर परीक्षा होगी। बल्कि ये कहें कि उससे भी ज्यादा कड़ाई होगी तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। दरअसल जिस तरह से निर्वाचन विभाग चुनानों के दौरान संवेदनशील निर्वाचन केंद्रों की वेबकास्टिंग कराता है ठीक उसी तरह परीक्षा केंद्रों की वेबकास्टिंग होगी।
योजना के तहत हर जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यहीं से इंटरनेट की मदद से प्रत्येक केंद्र की लाइव निगरानी की जाएगी। इससे पहले 2019 की परीक्षा में बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर अलीगढ़, बुलंदशहर और प्रयागराज के कुछ केंद्रों की वेबकास्टिंग की थी। अब 2020 की परीक्षा में पहली बार सभी परीक्षा केंद्रों की ऑनलाइन निगरानी होगी। संवेदनशील और अति संवेदशनशील स्कूलों की खासतौर से निगरानी करवाने की तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग के अलावा दूसरे विभाग के अफसरों को भी कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी देने की चर्चा रही है, ताकि नकल करवाने के लिए किसी तरह के गठजोड़ की आशंका को सिरे से खत्म किया जा सके।
इसी के तहत स्कूलों से जो आधारभूत सूचनाएं मांगी है, उसमें सीसीटीवी कैमरे, वायस रिकॉर्डर, वेबकास्टिंग के लिए राउटर और फोरजी इंटरनेट कनेक्शन की जानकारी भी देने को कहा गया है। ऐसे स्कूल जिनमें ये सारी सुविधाएं नहीं होंगी उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।