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यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 के पेपर आउट के बाद व्यवस्थागत बड़ा बदलाव, वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य नाराज

locationवाराणसीPublished: Apr 03, 2022 03:34:34 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 के प्रश्न पत्र आउट होने के बाद बोर्ड ने कई व्यवस्थागत बदलाव किए हैं। इन बदलावों की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार राय ने रविवार को जिले के 131 परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापकों को दी। हालांकि परीक्षा के बीच हुए व्यस्थागत परिवर्तन को लेकर प्रधानाचार्यो ने विरोध भी जताया है। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी को समझा कर किसी तरह से शांत किया।

यूपी बोर्ड परीक्षा 2022

यूपी बोर्ड परीक्षा 2022

वाराणसी. यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 के प्रश्न पत्र आउट होने की घटना के बाद बोर्ड ने बीच परीक्षा व्यवस्थागत परिवर्तन किया है। इसके तहत अब वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक नहीं रहेंगे। उनकी जगह राजकीय विद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षक केंद्र व्यव्थापक का कार्यभार संभालेंगे। इतना ही नहीं प्रश्नपत्रो की सुरक्षा के लिहाज से हर केंद्र पर दो-दो आलमारियां रखी जाएंगी। ये निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षक ने रविवार को जारी किए हैं।
परीक्षा केंद्रों पर तैनात सह केंद्र व्यवस्थापक संभालेंगे परीक्षा केंद्र

बता दें कि परीक्षा आरंभ होने से पहले ही हर केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक के अलवा सह केंद्र व्यवस्थापक की तैनाती की गई थी। ऐसे में वित्त विहीन विद्यालयों के केंद्रों के सह केंद्र व्यवस्थापक अब व्यवस्थापक की भूमिका में होंगे और प्रधानाचार्य सहायक की भूमिका में।
प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को और कड़े इंतजाम

प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए अब हर केंद्र पर दो-दो आलमारी रखी जाएगी। एक आलमारी में पुराने पेपर यानी जिनकी परीक्षा हो चुकी है वो पेपर रखे जाएंगे जबकि दूसरी आलमारी में वो पेपर होंगे जिनकी परीक्षा होनी बाकी है।
व्यवस्था परिवर्तन के लिए बुलाई गई बैठक में केंद्र व्यवस्थापकों का हंगामा

इस नई व्यवस्था से प्रधानाचार्यो को अवगत कराने के लिए राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज में रविवार को बुलाई गई आपात बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक ने ये जानकारी दी। इसे सुनते ही प्रधानाचार्यों खास तौर पर वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रधानाचार्यों ने यहां तक कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर ही बोर्ड परीक्षा भी प्रशासन ही कराए। उन्होंने कहा कि यदि विभाग को उनपर भरोसा नहीं तो उन्हें ड्यूटी से मुक्त कर देना चाहिए।
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