हाईस्कूल परीक्षा परिणाम वर्ष कुल उत्तीर्ण प्रतिशत छात्र-छात्राएं 2018-75.16 प्रतिशत 2017 81.43 76.75 86.50 2016 87.66 84.82 91.11 2015 83.74 79.73 88.34 2014 86.71 83.25 90.86 2013 86.63 82.87 91.25
2012 83.75 79.61 88.95
इंटर मीडिएट परीक्षा परिणाम वर्ष उत्तीर्ण प्रतिशत 2018- 72.43 प्रतिशत 2017 82.84 77.16 88.80 2016 87.99 84.35 92.48 2015 88.83 85.91 92.16 2014 92.21 89.81 95.13
इंटर मीडिएट परीक्षा परिणाम वर्ष उत्तीर्ण प्रतिशत 2018- 72.43 प्रतिशत 2017 82.84 77.16 88.80 2016 87.99 84.35 92.48 2015 88.83 85.91 92.16 2014 92.21 89.81 95.13
2013 92.68 89.79 96.32 2012 89.40 84.73 95. 52 बता दें कि इस बार यूपी बोर्ड ने सबसे पहले 16 फरवरी से ही परीक्षाएं शुरू करा दी थीं। ठीक इसी तरह सबसे पहले 17 मार्च से मूल्यांकन भी शुरू करा दिया था। यूपी बोर्ड और शासन दोनों की मंशा साफ है कि इस बार रिजल्ट देने में रिकार्ड कायम किया जाए। इसके तहत 25 से 27 अप्रैल के बीच हाईस्कूल और इंटर के रिजल्ट घोषित कर देगा जो रिकार्ड होगा। अब तक के यूपी बोर्ड के इतिहास में अप्रैल में कभी भी रिजल्ट घोषित नहीं किया जा सका था। 2017 में ही नौ जून को रिजल्ट आया था जबकि 2016 में 15 मई को। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के चलते गत वर्ष 6 मार्च से शुरू हुई थी। हाईस्कूल की परीक्षा पहली अप्रैल को खत्म हुई जबकि इंटर की परीक्षा 21 अप्रैल को। इसके बाद 27 अप्रैल से मूल्यांकन शुरू हुआ था। परिणाम स्वरूप रिजल्ट आने में भी देर हुई थी।
12 लाख ने छोड़ दी थी परीक्षा
बता दें कि 2018 की हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए लगभग 66लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे जिसमें से 12 लाख परीक्षार्थियों ने सख्ती के चलते परीक्षा छोड़ दी। यूपी बोर्ड के वाराणसी कार्यालाय से संबद्ध कुल 15 जिलों में 58 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे। इसमें 31 हाईस्कूल और 27 इंटर के मूल्यांकन केंद्र थे। इसमें कुल 24006 परीक्षक 17 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यायंकन शुरू किया। इसमें हाईस्कूल में उप प्रधान परीक्षकों की संख्या 1732 और सहायक परीक्षकों की संख्या 6999 थे है जबकि इंटर में 1486 उप प्रधान परीक्षक और 13,789 सहायक परीक्षक रहे। वाराणसी परिक्षेत्र के अपर सचिव सतीश सिंह ने पत्रिका को बताया कि निर्धारित शेड्यूल के तहत 27 मार्च तक मूल्याकंन पूरा करने का लक्ष्य था जिसे समय से पूरा कर लिया गया।
बता दें कि 2018 की हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए लगभग 66लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे जिसमें से 12 लाख परीक्षार्थियों ने सख्ती के चलते परीक्षा छोड़ दी। यूपी बोर्ड के वाराणसी कार्यालाय से संबद्ध कुल 15 जिलों में 58 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे। इसमें 31 हाईस्कूल और 27 इंटर के मूल्यांकन केंद्र थे। इसमें कुल 24006 परीक्षक 17 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यायंकन शुरू किया। इसमें हाईस्कूल में उप प्रधान परीक्षकों की संख्या 1732 और सहायक परीक्षकों की संख्या 6999 थे है जबकि इंटर में 1486 उप प्रधान परीक्षक और 13,789 सहायक परीक्षक रहे। वाराणसी परिक्षेत्र के अपर सचिव सतीश सिंह ने पत्रिका को बताया कि निर्धारित शेड्यूल के तहत 27 मार्च तक मूल्याकंन पूरा करने का लक्ष्य था जिसे समय से पूरा कर लिया गया।