वाराणसी

वाराणसी के बीएचयू में खुलेगा यूपी का पहला मदर मिल्क बैंक

मदर मिल्क बैंक में छह महीने तक सुरक्षित रखा जा सकेगा मां का दूध।

वाराणसीJul 17, 2019 / 01:06 pm

रफतउद्दीन फरीद

मदर मिल्क बैंक

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यूपी का पहला मदर मिल्क बैंक खुलेगा। इस मदर मिल्क बैंक के बनाने का मकसद है कि नवजात मां के दूध से वंचित न रहें। इसका निर्माण बीएचयू के मॉडर्न मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ विंग में होगा। इसको लेकर कवायद तेज हो चुकी है। डॉक्टरों के मुताबिक मदर मिल्क बैंक बन जाने से वंचित शिशुओं को मां का दूध मुहैया हो सकेगा। जन्म के समय कमजोर बच्चों के लिये यह वरदान से कम नहीं होगा। बीएचयू की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष प्रो. मधु जैन इसे एक शिशु स्वास्थ्य की दिशा में बड़ा कदम मान रही हैं। उनका कहना है कि मदर मिल्क बैंक के बन जाने से शिशु मृत्युदर को कम किया जा सकेगा।
 

बीएचयू अस्पताल में मिल्क बैंक बनाने की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। इसके लिये वहां के अधिकारियों, नेशनल हेल्थ मिशन और उस संस्था से बातचीत की जा चुकी है जो इसमें सहयोग करेगी। मदर मिल्क बैंक के लिये बाकायदा निमार्ण भी कराया जा रहा है। यह इसके लिये निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है।
 

मदर मिल्क बैंक खुल जाने के बाद जो सबसे बड़ी जरूरत होगी वहां मां के दूध की। यह दूध उन माताओं से लिया जाएगा जिनके बच्चे नहीं बचते, या फिर जिन्हें बहुत अधिक दूध होता है। इसबात के लिये उन्हें जागरूक किया जाएगा, जिसके लिये माताओं की काउंसलिंग की जाएगी। यही नहीं बच्चों को स्तनपान कराने और मां के दूध की अहमियत भी समझायी जाएगी, ताकि इसके प्रति जागरूकता आए। और यह सिर्फ शहर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि गांवों तक यह जागरूकता फैलायी जाएगी।
 

यूनिसेफ आर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि बच्चे को मां का दूध न मिलना उसके लिये जानलेवा हो सकता है। रिपोर्ट की मानें तो यह शिशुओं को मां का दूध न मिलना एक बड़ी समस्या। ऐस बच्चों की तादाद देश में करीब 40 से 41 फीसदी बच्चों को ही पैदा होने के एक घंटे के अंदर मां का दूध (स्नपान) नसीब होता है। इस तरह के मदर मिल्क बैंक से ऐसी स्थिति में काफी सहायता मिलती है।
 

कैसे सुरक्षित रहेगा मां का दूध

दुग्धदान करने वाली माताओं से इकट्ठा किया गया दूध मदर मिल्क बैंक में लाया जाएगा। यहां इलेक्ट्रिक पंप में इकट्ठा कर लैब में इसकी गुणवत्ता आदि की जांच की जाएगी। इसके बाद इसे कांच के बोतलों में भरकर 20 डिग्री के तय तापमान पर रखा जाएगा। मदर मिल्क बैंक में दूध को डीप फ्रीजर में छह माह तक रखा जा सकता है।

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