कभी राजपत्रित अधिकारी का पद खिलाड़ियों को नहीं मिला ललित ने बताया कि अब तक यूपी के वो खिलाड़ी जिन्होंने देश के लिए ओलंपिक या अन्य अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में मेडल जीते उन्हें नौकरी तो मिल जाया करती रही पर राजपत्रित अधिकारी के तौर पर नौकरी देने का फैसला पहली बार किसी सरकार ने लिया है।
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ओलंपियान ललित ने यूपी पुलिस की ओएसडी की नौकरी ठुकराई, बोले ये ओलंपियन का अपमान मुख्यमंत्री ने जो कहा वो कर दिखायाललित उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो कहा वो कर दिखाया, बल्कि ये कहें कि जो कहा उससे ज्यादा दिया तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। अब इस फैसले के बाद अन्य राज्यो के मुकाबिल यूपी के खिलाड़ी भी शान से जीवन यापन कर सकेंगे। उन्हें नौकरी के लिए अपने प्रदेश के बाहर नही जाना होगा। ये ऐतिहासिक फैसला है।
अब तो गेंद खिलाड़ियो के पाले में, मेडल लाओ, नौकरी पाओ ओलंपियन ललित इन दिनों बंगलूरू में चल रहे नेशनल कैंप में है। वहां से पत्रिका संग बातचीत में खुले दिल से हंसते हुए कहा कि अब तो गेंद हम खिलाड़ियों के पाले में है। मेडल लाओ और नौकरी पाओ वो भी राजपत्रित अधिकारी पद पर। कहा कि ये देश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
पदक विजेताओं की ईनाम राशि भी बढ़ाई
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल मेडल जीतने वाले खिलाड़ियो को नौ विभागों में राजपत्रित अधिकारी की नौकरी देने का फैसला लिया है, बल्कि उन्होंने पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि भी बढ़ा दी है। ऐसे में अब अपने यूपी में पहले से बेहतर खेल का माहौल बनेगा। खिलाड़ी पूरा दम निकाल कर मेहनत करेंगे ताकि मेडल भी जीत सकें और सरकारी नौकरी पास सकें।
ललित ने यूपी की नौकरी से किया था इंकार बता दें कि इससे पहले ललित उपाध्याय ने यूपी सरकार से मिले नौकरी के ऑफर को ठुकरा दिया था। तब पत्रिका से बातचीत में कहा था कि अनिश्चितता वाली नौकरी नही करनी। लेकिन उन्हीं ललिलत ने गुरुवार को कहा कि अब तो बहुत जल्द मुझे भी अपने प्रदेश में राजपत्रित अधिकारी वाली नौकरी मिलेगी इससे बेहतर और क्या हो सकता है।