scriptसरकारी रिकॉर्ड में दो दशक से ‘मृत’ लड़ रहा पंचायत चुनाव, गले में ‘मैं जिंदा हूं’ की तख्ती लगाकर कर रहा प्रचार | UP Panchayat chunav 2021 dead declared man also contesting elections | Patrika News

सरकारी रिकॉर्ड में दो दशक से ‘मृत’ लड़ रहा पंचायत चुनाव, गले में ‘मैं जिंदा हूं’ की तख्ती लगाकर कर रहा प्रचार

locationवाराणसीPublished: Apr 19, 2021 09:35:10 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

– UP Panchayat Chunav के दूसरे चरण के लिए वोटिंग आज
– वाराणसी में खुद को जिंदा साबित करने के लिए ‘मृत’ लड़ रहा चुनाव
– दो दशक से सरकारी रिकार्ड में मृत घोषित

सरकारी रिकॉर्ड में दो दशक से 'मृत' लड़ रहा पंचायत चुनाव, गले में 'मैं जिंदा हूं' की तख्ती लगाकर कर रहा प्रचार

सरकारी रिकॉर्ड में दो दशक से ‘मृत’ लड़ रहा पंचायत चुनाव, गले में ‘मैं जिंदा हूं’ की तख्ती लगाकर कर रहा प्रचार

वाराणसी. UP Panchayat Chunav- उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज वोटिंग है। इस दौरान 20 जिलों में मतदान होना है जिसमें वाराणसी भी शामिल है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच अजब गजब बातें सामने आ रही हैं। वाराणसी जिलें में सरकारी दस्तावेजों में करीब दो दशक से मृत संतोष मूरत सिंह खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में है। खुद को जिंदा साबित करने के लिए चिरईगांव ब्लॉक के जाल्हुपूर से संतोष मूरत सिंह क्षेत्र पंचायत सदस्य पद चुनाव लड़ रहे हैं। गले में ‘मैं जिंदा हूं’ की तख्ती लगाए संतोष सिंह घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं और लोगों से खुद को जिताने की अपील कर रहे हैं। नामांकन पर्चे के बाद चुनाव आयोग की ओर से उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है।
सरकारी रिकॉर्ड में दो दशक से 'मृत' लड़ रहा पंचायत चुनाव, गले में 'मैं जिंदा हूं' की तख्ती लगाकर कर रहा प्रचार
वाराणसी के क्षितौनी गांव निवासी संतोष मूरत सिंह 20 साल पहले फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई गए थे। उन्होंने नाना पाटेकर के साथ कुछ फिल्मों में काम भी किया है। बतौर तीन साल तक उन्होंने काम किया। इसके बाद जब वह मुंबई से वापस लौटे तो पता चला कि उनके पाटीदारों ने राजस्व विभाग में मृत दिखाकर धोखे से उनकी जमीन हड़प ली है। इसके बाद से संतोष खुद को जिंदा साबित करने के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।
चुनाव जीतकर खुद को साबित करना है जिंदा

संतोष मूरत सिंह का कहना है कि क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने का मकसद चुनाव जीतकर खुद को जिंदा साबित करना है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अभिलेखों में वो दो दशक से मृत हैं, जबकि चुनाव आयोग के दस्तावेज उन्हें जिंदा मानते हैं। वोटर लिस्ट में बतौर वोटर आज भी उनका नाम सूची में शामिल है। अगर वह चुनाव जीत जाते हैं, तो अपने जैसे सिस्टम के मारे लोगों की लड़ाई भी लड़कर उन्हें जिंदा साबित करने में उनकी मदद करेंगे। संतोष सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए भीख मांगकर पैसे जुटाए हैं। इसके बाद क्षेत्र पंचायत चुनाव सदस्य के लिए नामांकन पत्र भरा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो