पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ध्वस्त हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए टीआरबी (ट्रैफिक ब्रिगेड)की तैनाती की गयी है। टीआरबी की वर्दी अलग बनायी गयी है। टीआरबी में महिला व पुरुष दोनों ही तैनात हैं और यह सफेद शर्ट व नीली पैंट ही बनते हैं, जबकि अभी तक ट्रैफिक पुलिस के जवान सफेद शर्ट व खाकी पैंट पहन रहे हैं। एक दिसम्बर से ट्रैफिक पुलिस की वर्दी का रंग बदल जायेगा। इसके बाद टीआरबी व ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में रंग को लेकर कोई अंतर नहीं रह जायेगा। अंतर सिर्फ यही रहेगा कि टीआरबी की वर्दी पर टीआरबी लिखा होगा। ट्रैफिक पुलिस पर दूसरा नाम होगा।
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ट्रैफिक पुलिस के सहयोग के लिए की गयी है टीआरबी की भर्ती
बनारस की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। ट्रैफिक पुलिस के सहयोग के लिए ही टीआरबी लगायी गयी है। टीआरबी में तैनात महिला व पुरुष सिपाही सिर्फ यातायात व्यवस्था सही ढंग से चलाने में सहयोग कर सकते हैं। वाहनों के कागजात जांचना और चालान काटना भी इनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
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बनारस की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। ट्रैफिक पुलिस के सहयोग के लिए ही टीआरबी लगायी गयी है। टीआरबी में तैनात महिला व पुरुष सिपाही सिर्फ यातायात व्यवस्था सही ढंग से चलाने में सहयोग कर सकते हैं। वाहनों के कागजात जांचना और चालान काटना भी इनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
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यूपी विधानसभा चुनाव में बहुत उपयोगी साबित हुए थे टीआरबी
टीआरबी का दर्जा होमगाड से भी कम होता है, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में टीआरबी बहुत काम आयी थी। दूसरे जिलों का चुनाव कराने जब स्थानीय पुलिस रवाना हो गयी थी तो उस समय थाने के लॉकअप की सुरक्षा टीआरबी को मिली थी। इस बात का खुलासा तब हुआ था जब कैंट थाने के हवालात से एक अभियुक्त भाग गया था तब पता चला था कि पुलिस की कमी के चलते टीआरबी को तैनात करना पड़ा था।
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