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बाढ़ से काशी में आरती स्थल डूबा, कानपुर में खतरे के निशान पर पानी का स्तर, फसलों पर असर

locationवाराणसीPublished: Oct 27, 2021 05:10:19 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

UP Weather Heavy Rain Water Level Increase at Ghats in Vranasi Kanpur- उत्तराखंड में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर गंगा में देखने को मिल रहा है। पहली बार गंगा उफान पर है। इस कारण कई घाटों का संपर्क टूट गया है। बढ़े हुए जलस्तर के कारण कानपुर से लेकर काशी तक दहशत है। काशी में आरती स्थल डूब गया है।

UP Weather Heavy Rain Water Level Increase at Ghats in Vranasi Kanpur

UP Weather Heavy Rain Water Level Increase at Ghats in Vranasi Kanpur

वाराणसी. UP Weather Heavy Rain Water Level Increase at Ghats in Vranasi Kanpur. उत्तराखंड में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर गंगा में देखने को मिल रहा है। पहली बार गंगा उफान पर है। इस कारण कई घाटों का संपर्क टूट गया है। बढ़े हुए जलस्तर के कारण कानपुर से लेकर काशी तक दहशत है। काशी में आरती स्थल डूब गया है। दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती स्थल डूब गया है। आसपास के जिले प्रयागराज, मिर्जापुर और भदोही में भी गंगा का स्तर बढ़ गया है। कानपुर में गंगा ने बिठूर से कटरी होते हुए शुक्लागंज तक बाढ़ की चेतावनी है। पानी बढ़ने के कारण गंगा किनारे रहने वाले लोगों में डर का माहौल है। नाविक अपनी नाव को ऊंचे स्थान पर ले जा रहे हैं जबकि दुकानदार भी अपना सामान सुरक्षित करने में लगे हैं।
वाराणसी में जलस्तर मंगलवार की सुबह से तेजी से बढ़ने लगा। 24 घंटे में 43 सेंटीमीटर तक जलस्तर बढ़ा है। कानपुर में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। वहां से मंगलवार को 3,64,797 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह अब तक का रिकॉर्ड डिस्चार्ज है। दशाश्वमेध और शीतला घाट के आरती स्थल तक पानी पहुंच चुका है तो हरिश्चंद्र घाट पर भी हरिश्चंद्र पादुका पानी में डूब गई है। सोमवार शाम आठ बजे अप स्ट्रीम में जलस्तर 113.86 मीटर था जो मंगलवार शाम छह बजे तक 39 सेंटीमीटर तक बढ़ गया।
और बढ़ेगा गंगा का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर आगे भी बढ़ेगा। मंगलवार सुबह तुलसी घाट समेत निचले घाटों तक पानी पहुंच चुका था। रीवा घाट के रास्ते भी पानी पहुंच चुका है और इसके साथ ही चेतसिंह घाट, शिवाला घाट, चौकी घाट डूब चुके हैं।
फसलों पर असर

पहाड़ों पर हुई जोरदार बारिश का असर फसलों पर पड़ा है। मिर्च, लहसुन और हरी सब्जियों की फसलें बाढ़ की चपेट में आने से डूब गई है। कानपुर में कई फसलें खराब हो गई हैं। किराये पर खेती करने वाले किसान मिर्च, लहसुन, प्याज, हरी मटर, शिमला मिर्च, बंधा गोभी की फसलें तैयार करते हैं। इन फसलों की किसानों ने बुवाई भी करा दी थी, लेकिन बाढ़ आने से फसलें डूब गई हैं। जिले में 10 हजार हेक्टेयर से अधिक गंगा किनारे का कटरी क्षेत्र है, जिसमें आसपास के गांवों के किसान हरी सब्जी व मिर्च, लहसुन, प्याज मसाला की खेती करते हैं, जिनको किसान कानपुर रामादेवी मंडी, बिंदकी, औंग, शिवराजपुर, चौडागरा कस्बा के बाजारों में बेचते हैं। बाढ़ से ज्यादातर सब्जी व मसाले की फसलों के नष्ट होने की आशंका है।

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