चंद गिने चुने ही पहुंचे उस्ताद की कब्र पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की कब्र पर महज गिने-चुने लोग ही पहुंचे और पूरी अकीदत के साथ फूल चढ़ाकर दुआख्वानी की। इससे पहले उनके मकबरे पर फातिहा पढ़कर कुरानख्वानी हुई। इस मौक पर कांग्रेस नेता अजय राय, मुर्तजा शमसी, अब्बास रिजवी ने श्रद्धांजलि दी। इस मौक पर हाजी फरमान हैदर खुद को रोक न सके, कहा कि जयंती के मौके पर भी कुछ लोगों को उस्ताद याद नहीं आ सके। आलम ये रहा कि भारत रत्न की जयंती के मौके पर न शासन-प्रशासन का कोई प्रतिनिधि ही पहुंचा न स्थानीय विधायक।
उस्ताद के नाम पर बने शहनाई अकादमी
भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि देने दरगाह-ए-फातमान स्थित कब्र पर पहुंचे फरमान हैदर ने कहा कि उस्ताद के परिवार में कई पढ़े-लिखे हैं। ग्रेजुएट हैं, लेकिन ज्यादातर विरासत को सहेजने में बेरोजगार हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि उसे उस्ताद के नाम से शहनाई अकादमी बना देनी चाहिए।
सोमा घोष ने फेसबुक पर दी श्रद्धांजलि उधर शास्त्रीय गायिका और उस्ताद की दत्तक पुत्री पद्मश्री पंडित सोमा घोष ने उस्ताद के साथ अपनी एक पुरानी रचना को फेसबुक पर शेयर करते हुए श्रद्धांजलि दी।
बेहत सादगीपूर्ण रहा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जीवन
शहनाई सम्राट के श्रद्धांजलि कार्यक्रम के मौके पर संयोजक शकील अहमद जादूगर ने उपस्थित लोगों को बताया कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक और भारत मां के सच्चे सपूत थे। संगीत के क्षेत्र में उन्होंने दुनिया भर में नाम कमाया पर उनका व्यक्तिगत जीवन बेहद सादगीपूर्ण रहा।
उस्ताद की कब्र पर ये रहे मौजूद उस्ताद के जंयती समरोह के मौके पर फिरोज हुसैन, बेटा नादिम हुसैन (तबला वादक), उस्ताद की बड़ी बेटी जरीना खातून, अजराह, पोती शाहीन, फातिमा, नातिन कैकसा, पोते परवेज हसन, आफाक हैदर, जावेद और नाती गाजी समेत अन्य कई कद्रदान मौजूद रहे।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जहां रहते थे वो गली आज भी बजबजाती रही उस्ताद बिस्मिलाह खान की जयंती पर तो कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अफसर नहीं ही पहुंचे, वो हड़हासराय की जिस गली में रहते रहे वो आज भी बजबजाती रही। नगर निगम प्रशासन ने आज की तारीख में भी उस गली को साफ कराने की जहमत नहीं उठाई। आलम ये कि उस्ताद के घर तक जान वाली गली में चारों तरफ कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा रहा। बता दें कि उस्ताद का निवास शहर के व्यस्ततम बाजारों में स्थित है। आसपास हजारों दुकानें लगी रहती हैं।