उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश द्वारा आठ नदियों वरुणा, गोमती, अरेल, स्रोत, सई, तमसा, मनोरमा एवं आमी जो विलुप्त हो रही है इन्हें पुनर्जीवित किए जाने कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। गोमती नदी का जन सहयोग से 48 किमी खोदाई का कार्य भी कराया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियंताओं को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि वरुणा चैनेलाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर पूरा कराएं। इसमें अब किसी भी स्तर पर शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नदियों के बहाव पर अवैध अतिक्रमण कर के स्थाई अथवा अस्थाई कराए निर्माणों को चिन्हित कर हटवाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि प्रदेश की मध्य गंगा नहर, सरयू नहर, बाणसागर एवं अर्जुन सहायक परियोजना सहित कुल 4 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सिंचाई परियोजनाएं जो अब तक लंबित रही, उन पर बजट आवंटित कर कार्य शुरू करा दिया गया है। इन सिचाई परियोजनाओं को पूर्ण होने पर किसानों को अपने कृषि कार्य करने हेतु पर्याप्त पानी मिलने लगेगा।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि जिन क्षेत्रों में नहरों की अवैध कटान होगी। उस क्षेत्र के जिम्मेदार विभागीय जूनियर इंजीनियर को निलंबित करने के साथ ही नहरों की कटान करने वाले लोगों के विरुद्ध में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियंताओं को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि नहरो में पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने के साथ ही नहरो के टेल तक पानी हर हालत में पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि वाराणसी जनपद की नहरों में पानी की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी तथा टेल तक पहुंचाया जाना सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रिप सिंचाई विधि को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे पानी की बचत होगी। सिंचाई समितियों का चुनाव शीघ्र ही कराया जाएगा। जिससे पानी लेने में आसानी होगी। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि वाराणसी में प्लास्टिक थाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब पानी के अपव्यय को भी रोका जाए।
इस दौरान एमएलसी केदारनाथ सिंह, विधायक पिंडरा डॉ अवधेश सिंह, विधायक रोहनिया सुरेंद्र नारायण सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।