रेलवे प्रवक्ता के अनुसार 02 फरवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस यानी ट्रेन-18 पहली बार वाराणसी पहुंच रही है। इस ट्रेन का इलाहाबाद जंक्शन से वाराणसी तक 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रायल होना है। इसके साथ ही दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रेन की टाइमिंग का भी ट्रॉयल होगा। वंदे भारत एक्सप्रेस इस दूरी को 8.35 घंटे पूरा करेगी। वाराणसी तक यह ट्रेन पहली बार और इलाहाबाद में दूसरी बार आ रही है।
मोदी सरकार की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जाना है। इस ट्रेन को अलग-अलग रूटों पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा चुका है। दिल्ली से इलाहाबाद के बीच ट्रेन-18 ने 130 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रॉयल रन पूरा किया था। हालांकि, तब तक इलाहाबाद से माधो सिंह के रास्ते वाराणसी तक इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन चालू न होने के कारण 120 किमी की दूरी में ट्रायल रन नहीं हो सका था।
19 जनवरी को इलाहाबाद से वाराणसी के बीच भी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर ट्रेन चलाने के लिए चीफ सेफ्टी कमिश्नर उत्तरी क्षेत्र ने मंजूरी दे दी। इसके बाद अब टी-18 का ट्रायल 130 किमी प्रति घंटे की गति से किया जाएगा।
मोदी सरकार की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जाना है। इस ट्रेन को अलग-अलग रूटों पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा चुका है। दिल्ली से इलाहाबाद के बीच ट्रेन-18 ने 130 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रॉयल रन पूरा किया था। हालांकि, तब तक इलाहाबाद से माधो सिंह के रास्ते वाराणसी तक इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन चालू न होने के कारण 120 किमी की दूरी में ट्रायल रन नहीं हो सका था।
19 जनवरी को इलाहाबाद से वाराणसी के बीच भी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर ट्रेन चलाने के लिए चीफ सेफ्टी कमिश्नर उत्तरी क्षेत्र ने मंजूरी दे दी। इसके बाद अब टी-18 का ट्रायल 130 किमी प्रति घंटे की गति से किया जाएगा।
ये है खासियत
-वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना का हिस्सा है. यह ट्रेन आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री), चेन्नई में बनी है
-ट्रेन में 16 चेयरकार कोच (एग्जीक्यूटिव और नॉन एग्जीक्यूटिव), 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच और 2 एग्जीक्यूटिव कोच होंगे। एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्री बैठ सकेंगे और नॉन एग्जीक्यूटिव कोच में 78 लोगों के बैठने की सुविधा
– स्टेनलेस स्टेल कार बॉडी जिसका आधार डिजायन एलएचबी है।
– पारंपरिक ट्रेनों के विपरीत लगातार खिड़कियां होंगी.
-पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन में आरामदायक सीटें और बेहतरीन आंतरिक अंदरूनी प्रकाश
– फ्री वाई-फाई और इंफोटेनमेंट की सुविधा, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी
– स्वचालित दरवाजे, स्लाइडिंग फूटस्टेप की सुविधा
-हलोजन मुक्त रबड़-ऑन-रबड़ का फर्श,सौंदर्यशास्त्र के लिए रोलर अंधा और खिड़की से बेहतर दृश्य और निरंतर ऊर्जा-कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था
-जीरो डिस्चार्ज बायो-वैक्यूम शौचालय
-मॉड्यूलर शौचालयों में एस्थेटिक टच-फ्री बाथरूम
-सामान रखने वाला रैक ज्यादा बड़ा रहेगा, इस से यात्री अधिक सामान आसानी से रख सकेंगे
-ट्रेन के दोनों छोर पर ड्राइविंग केबिन
-विकलांग यात्रियों के लिए डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी
-यात्रियों के लिए नवीनतम कोच होंगे जो बेहतर सुविधा देंगे. प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के परिप्रेक्ष्य में कई अन्य विशेषताएं जैसे बेहतर ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए वायुगतिकीय ड्रैग
-वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना का हिस्सा है. यह ट्रेन आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री), चेन्नई में बनी है
-ट्रेन में 16 चेयरकार कोच (एग्जीक्यूटिव और नॉन एग्जीक्यूटिव), 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच और 2 एग्जीक्यूटिव कोच होंगे। एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्री बैठ सकेंगे और नॉन एग्जीक्यूटिव कोच में 78 लोगों के बैठने की सुविधा
– स्टेनलेस स्टेल कार बॉडी जिसका आधार डिजायन एलएचबी है।
– पारंपरिक ट्रेनों के विपरीत लगातार खिड़कियां होंगी.
-पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन में आरामदायक सीटें और बेहतरीन आंतरिक अंदरूनी प्रकाश
– फ्री वाई-फाई और इंफोटेनमेंट की सुविधा, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी
– स्वचालित दरवाजे, स्लाइडिंग फूटस्टेप की सुविधा
-हलोजन मुक्त रबड़-ऑन-रबड़ का फर्श,सौंदर्यशास्त्र के लिए रोलर अंधा और खिड़की से बेहतर दृश्य और निरंतर ऊर्जा-कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था
-जीरो डिस्चार्ज बायो-वैक्यूम शौचालय
-मॉड्यूलर शौचालयों में एस्थेटिक टच-फ्री बाथरूम
-सामान रखने वाला रैक ज्यादा बड़ा रहेगा, इस से यात्री अधिक सामान आसानी से रख सकेंगे
-ट्रेन के दोनों छोर पर ड्राइविंग केबिन
-विकलांग यात्रियों के लिए डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी
-यात्रियों के लिए नवीनतम कोच होंगे जो बेहतर सुविधा देंगे. प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के परिप्रेक्ष्य में कई अन्य विशेषताएं जैसे बेहतर ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए वायुगतिकीय ड्रैग