वाराणसी. हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के तीन दिन बीतने के बाद भी अब तक हत्यारों के न पकड़े जाने के विरोध में अब वाराणसी के ब्राह्मणों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने योगी सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। साथ ही प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था और प्रदेश में लगातार हो रही ब्राह्मणों की हत्याओं पर रोष जताया है। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन भी भेजा है।
IMAGE CREDIT: पत्रिका राजधानी लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड के 3 दिन बीतने के बाद भी हत्यारों के न पकड़े जाने के विरोध में उतरे अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से लगातार ब्राह्मणों की हत्या हो रही है। इससे ब्राह्मण समाज में जहां भय समा गया है वहीं वह खुद को ठगा और अपमानित महसूस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। पूरे प्रदेश में भय का माहौल है। कहा कि अभी पिछले साल हुई ब्राह्मणों की सामूहकि हत्या के मामले में भी प्रदेश शासन के हाथ अब तक कुछ खास नहीं लग पाया है। अब फिर प्रदेश की राजधानी में हिंदू वादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई।
इन सब घटनाओं से परिषद बहुत व्यथित है और प्रशासन से मांग करती है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड एवं ब्राह्मणों से जुड़े हुए जितने भी मामले हैं उनमें पुलिस तत्पर कार्रवाई करते हुए अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाए। यदि ब्राह्मणों का शोषण बंद नहीं हुआ तो परिषद प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होगी।
IMAGE CREDIT: पत्रिका ज्ञापन सौंपने वालों में पंडित आशुतोष चौबे, दाऊजी उपाध्याय, नरेन्द्र मिश्रा, राकेश पांडेय, आशुतोष उपाध्याय, डा.अभिषेक मिश्र, हीरा गुरु, वत्सल दवे, मृत्युंजय मालवीय, लोकपति पांडेय, सर्वेश मिश्रा, हिमांशु मिश्रा, डॉ.आदित्य, शिवम, शुभम व्यास, पदमकांत पाठक, संदीप तिवारी, शशांक मिश्रा, हरिश्चन्द्र दीक्षित, अभिनव वत्स के साथ कई ब्राह्मण सदस्य मौजूद थे।