– गोदौलिया से दशाश्वमेध मार्ग पर होगा लंदन स्ट्रीट जैसा नजारा- घाट पर बनाया जाएगा टूरिस्ट प्लाजा।-ऐतिहासिक चितरंजन पार्क के पास बनेगा टूरिस्ट प्लाजा- सालों से खाली पड़ी थी यह जमीन-अब राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण से मिली हरी झंडी
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अजय कृष्ण चतुर्वेदीवाराणसी. देश हो या विदेश सदियों से सभी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है यह धार्मिक नगरी काशी। इसे एक नजर देखने और नजरों में ही बसा लेने की इच्छा से ही यहां दूर-दूर से आते हैं पर्यटक। इन पर्यटकों की नजर में काशी वास्तव में परालौकिक लगे, इसका पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। तमाम ऐसी पुरानी ईमारतें हैं, घाट हैं, मंदिर हैं जिन्हें और आकर्षक रूप देने की तैयारी है। हाल ही में इसी सोच के साथ मानमंदिर घाट किनारे के ऐतिहासिक मान महल को आकर्षक स्वरूप दिया गया है। अब अगली कड़ी में दशाश्वमेध और राजेंद्र प्रसाद घाट किनारे टूरिस्ट प्लाजा का निर्माण होगा। इसका खाका तैयार कर लिया गया है।
बता दें कि काशी के गंगा तट पर स्थित मान महल में वर्चुअल म्यूजियम बनाया गया है। इस म्यूजियम में पर्यटक काशी की कला, धर्म और संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। इसी माह बनारस दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मानमहल का अवलोकन किया था। यह मान महल आमेर के राजा मान सिंह ने1600 ई.में बनवाया था। अब यह मान महल पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। म्यूजियम में काशी के घाट, मंदिर, गलियां, राम नगर की रामलीला, नाटी इमली का भरत मिलाप, तुलसी घाट की नाग नथैया, साड़ी बुनने की कला, काष्ठ कला और गंगा आरती को भी दर्शाया गया है।
अब अगली कड़ी में वाराणसी विकास प्राधिकरण ने दशाश्वमेध और राजेंद्र प्रसाद घाट से सटे अपनी ही जमीन पर टूरिस्ट प्लॉजा का निर्माण कराने की योजना बनाई है। बता दें कि स्थल कभी दशाश्वमेध सट्टी के रूप में जाना जाता था। सट्टी को हटा कर वीडिए ने यहां शापिंग कांप्लेक्स के निर्माण की योजना बनाई थी। काम शुरू भी हुआ लेकिन वह योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। मामला लटक गया तो यह खंडहर के रूप में आज भी मौजूद है। इसके इर्द-गिर्द मछली मार्केट है तो फ्रंट पर फल वाले ठेला लगाते हैं। सब्जियां भी बिकती हैं। लेकिन दूर-दराज से आने वाले पर्यटको को यहां का नजारा भाता नहीं है। ऐसे में अब वीडीए ने इसे टूरिस्ट प्लाजा के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। वैसे यह योजना पहले पर्यटन विभाग ने तैयार की थी लेकिन विभाग को ऐसा करने की इजाजत शासन से नहीं मिली तो उसे वाराणसी विकास प्राधिकरण ने एडॉप्ट कर लिया। इसकी पुष्टि संयुक्त निदेशक, पर्यटन विभाग अविनाश चंद्र मिश्र करते है। विकास प्राधिकरण को राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण से हरी झंडी भी मिल गई है। अब बस हाई कोर्ट की इजाजत लेनी बाकी है।
योजना के मुताबिक 28 करोड़ की लागत से 26 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में इस टूरिस्ट प्लाज का निर्माण होगा। मान महल से चंद कदम दूर दशाश्वमेध घाट किनारे बनने वाला तीन मंजिला टूरिस्ट प्लाजा पूरी तरह वातानुकूलि होगा। प्लाजा में पर्यटकों के लिए लॉज व माडर्न कैफेटेरिया के साथ ही बनारस से परिचित कराने वाली पुस्तकों की लाइब्रेरी, सूचना केंद्र, पार्किग आदि की सुविधाएं होंगी।
टूरिस्ट प्लाजा तक पहुंचने का मार्ग गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग को लंदन स्ट्रीट की तर्ज पर विकसित करने का रास्ता भी साफ हो गया है। यहां अगले माह से काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने सात करोड़ रुपये जारी किए हैं। मार्ग में पत्थरों की नक्काशीदार रेलिंग, पोल और खूबसूरत लाइटिंग के बीच चमचमाती चौड़ी सड़क दिखेगी। साफ सुथरे फुटपाथ के किनारे जगह-जगह टेलीफोन बूथ, बॉयो टॉयलेट और डस्टबिन के अलावा शुद्ध पेयजल के लिए वॉटर वेडिंग मशीन लगाई जाएगी। इसके बाद अक्टूबर से गंगा की लहरों पर दस करोड़ की ‘स्टोरी टेल क्रूज’ तैरने लगेगी। बहुत जल्द ही हेलिकॉप्टर से ‘काशी दर्शन’ सेवा भी शुरू होने की संभावना है।
यानी दशाश्वमेध घाट क्षेत्र वाराणसी का पर्यटन हब हो जाएगा। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक से बढ कर एक मान्यूमेंट देखने को मिलेंगे पर्यटको को। दशाश्वमेध घाट से कुछ ही दूरी पर ललिता घाट का कायाकल्प विश्वनात कॉरिडोर के साथ हो ही रहा है। मानमंदिर घाट पर मानमहल को आकर्षक रूप दिया ही जा चुका है। अब बारी है टूरिस्ट प्लाजा और लंदन स्ट्रीट की।