scriptजब डीएम ने कक्षा दो के होनहार छात्र से खुश होकर सौप दी अपनी कुर्सी, कहा तुम भविष्य के डीएम हो | Varanasi DM Surender Singh handed over his chair to class 2 student | Patrika News

जब डीएम ने कक्षा दो के होनहार छात्र से खुश होकर सौप दी अपनी कुर्सी, कहा तुम भविष्य के डीएम हो

locationवाराणसीPublished: Aug 20, 2018 05:21:25 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

बच्चे से जो भी पूछा डीएम ने बेधड़क जवाब दिया, इससे हो गए डीएम हो गए खुश।

डीएम वाराणसी दूसरी कक्षा के छात्र के संग

डीएम वाराणसी दूसरी कक्षा के छात्र के संग

वाराणसी. आम तौर पर किसी डीएम को बच्चों संग बात करते या उनका हौसिला बढ़ाते कम ही सुना जाता है। माना यह जाता है कि डीएम को इतनी फुर्सत कहां जो वह स्कूली बच्चों से संवाद स्थापित करे। वह भी सरकारी स्कूल के बच्चों से। लेकिन बनारस के इस युवा डीएम ने एक उदाहरण पेश किया है। एक सामान्य घर के बच्चे के डीएम सुरेंद्र सिंह इस कदर मुरीद बने कि उस पर अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। इतना ही नहीं कहा कि यह तो भविष्य का डीएम है।
बता दें कि सोमवार को राइफल क्लब सभागार में जनसुनवाई का आयोजन था। इसी दौरान दानगंज निवासी नटवर विश्वकर्मा अपने बेटे प्रियांशू विश्वकर्मा के साथ वहां पहुंचा। बच्चे का एक हाथ टूटा हुआ था जिसे वह भी दाहिना हाथ। दरअसल पिता नटवर इसी की शिकायत लेकर पहुंचे थे कि बच्चे का हाथ स्कूल में टूट गया है। इस पर डीएम ने पहले बच्चे को अपने पास बुलाया। उससे कई सवाल किए। पढ़ाई के बारे में जानकारी हासिल की। पूछा किस कक्षा में पढ़ते हो, तो जवाब मिला दो में। कहां पढ़ते हो तो जवाब मिला दानगंज प्राथमिक विद्यालय प्रथम। फिर डीएम ने पूछा पहाड़ा आता है, तो आत्मविश्वास से लबरेज बच्चे ने कहा 20 तक पहाड़ा आता है। इस डीएम ने 18 का पहाड़ा सुनाने को कहा तो बच्चे ने बेधड़क पहाड़ा सुना दिया। बच्चे के इस आत्मविश्वास से प्रभावित डीएम अपनी कुर्सी से उठे और उस पर उस बच्चे को बिठा दिया। कहा ये भविष्य का डीएम है। इतना ही नहीं डीएम सिंह ने बच्चे को कैडबरीज की चाकलेट भी दी। साथ ही प्रियांशु के पिता नटवर विश्वकर्मा से कहा कि इस बच्चे को ठीक से पढ़ाएं, प्रोत्साहित करें। ये बहुत मेधावी है, बहुत आगे जाएगा, इसका भविष्य उज्ज्वल है। यह एक दिन डीएम जरूर बनेगा।
यहां यह भी बता दें कि डीएम सुरेंद्र सिंह डीएम बनने से पहले प्राथमिक शिक्षक रहे हैं। वह बच्चों से बेहद लगाव भी रखते हैं। डीएम बनने के बाद उन्होंने प्राथमिक शिक्षा के उन्नयन के लिए काफी काम किया है। वह बार-बार प्राथमिक शिक्षकों को प्रोत्साहित करते रहते हैं। बनारस आने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह बहुत जल्द प्राथमिक शिक्षा की दशा सुधार देंगे। उनका कहना है कि प्राथमिक ही हैं जिनकी बदौलत हम सब हैं। हम सब ने वहीं से ककहरा सीखा है। ऐसे में शिक्षकों को उदासीन होने की जरूरत नहीं उन्हें अपना वजूद समझना होगा। उसके अनुरूप काम करना होगा। और वो कर सकते हैं, बस उन्हें उनकी अहमियत बताने की जरूरत है। कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब इन प्राथमिक व मिडिल स्कूल के छात्र कान्वेंट के छात्रों से आगे निकलेंगे।
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