script

एक डीएम ऐसा भी जो कुशीनगर हादसे से ऐसा हुआ द्रवित कि खुद उतर गया सड़क पर, वाहनों का किया चालान

locationवाराणसीPublished: Apr 27, 2018 03:25:13 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

पहले भी चर्चा में रहा है ये आईएएस, गरीब बेटी शबानाको भिजवाई थी ईदी। सड़क दुर्घटना में घायल दंपति को अपनी कार से भिजवाया था अस्पतला।

टेम्पो में ठूंसे गए स्कूली बच्चे

टेम्पो में ठूंसे गए स्कूली बच्चे

वाराणसी. आईएएस, पीसीएस बन कर समाज सेवा करने ख्वाब तो सब पालते हैं। सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी से लेकर रिजल्ट आने के बाद तक प्रतिभागी बड़े-बड़े दावे करते हैं पर सपना पूरा होने के बाद उस पर खऱा उतरने वाले कम ही मिलते हैं। लेकिन एक डीएम ऐसे भी हैं जिनके अंदर मानवता, समाजसेवा का भाव कूट-कूट कर भरा है। गरीब बच्ची को ईद पर ईदी भिजवाना हो या सड़क दुर्घटना में घायल दंपति को देख अपनी कार से उन्हें अस्पताल भिजवाना और खुद टेम्पो से डीएम आवास पहुंचना हो। इस तरह की एक दो नहीं कई घटनाएं हैं जो इस डीएम को आम जनों से जुड़े सरोकारों वाला साबित करती हैं। इस डीएम के इन्हीं कारमानों ने उन्हें राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत भी करवाया है। ऐसे में अब जब गुरुवार को कुशीनगर में हुए हादसे से इनका द्रवित होना लाजमी था। वह हादसा ही ऐसा था कि देखने वालों की रुह कांप जाए, लिखने वालों के हाथ कंपकपा उठे, तो मानवीय संवेदनाओं से भरे इस डीएम का पसीजना लाजमी था, सो वह शुक्रवार की सुबह छह बजे ही निकल पड़े अपने आवास से और पहुंच गए सड़क पर। खुद शुरू कर दी वाहनों की चेकिंग। साथ ही सभी मातहतों को फोन पर सख्त हिदायत दे कर सबको सुबह-सुबह ही संबंधित क्षेत्रों में चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दे डाला। आखिर मासूमों की जान का सवाल जो था।
बता दें कि यही वह कलक्टर हैं जिनके मोबाइल पर एक मैसेज आया था, एक मासूम गरीब बच्ची शबाना का, वह भी ठीक ईद से पहले। बच्ची ने बड़ी मासूमियत से लिखा था, ”सर ईदी पर सब बच्चे नए कपड़े पहनेंगे, सेवइयां खाएंगे, मगर मुझे तो ईदी देने वाला कोई नहीं, मेरे वालिद और अम्मी का इंतकाल हो चुका है।” यह छोटा सा मैसेज कलेक्टर के दिल को छू गया। उन्होंने तत्काल एसडीएम के हाथों मासूम शबाना के घर न केवल नए कपड़े भिजवाए बल्कि मिठाइयां और सेवइयां भी भिजवाईं। यही नहीं कलेक्टर को एक पत्र मिला था एक बेटी का कि उसके माता-पिता बहुत गरीब हैं, उसकी शादी तय हो गई है पर उसका इंतजाम नहीं कर सकते। इस पत्र के मिलने के बाद डीएम ने बेटी की शादी का पूरा इंतजाम करवाया था। यही वह डीएम हैं जिन्होंने बनारस आने के साथ ही ऐसी मिशाल पेश की जो सबके दिलों को छू गई। वाकया था रथयात्रा का, सुबह-सुबह डीएम घाट से डीएम आवास लौट रहे थे, रथयात्रा के पास देखा एक दंपति दुर्घटना का शिकार हो कर सड़क पर पड़े हैं। उन्होंने तुरंत कार रोकवाई, खुद उससे उतरे और चालक को कहा इन लोगों को कार में बिठा कर अस्पातल पहुंचाओ। उसके बाद वह खुद टेम्पो से डीएम आवास पहुंचे थे। ये डीएम और कोई नहीं बल्कि बनारस के डीएम हैं योगेश्वर राम मिश्र।
कुशीनगर में गुरुवार की सुबह जब एक छोटे-छोटे बच्चों से भरी स्कूल वैन ट्रेन से टकराई तो उसके बाद की कहानी तो सब जानते हैं, लिखते हुए हांथ कांप उठता है। एक सिहरन सी पूरे शरीर में दौड़ जाती है। उस हादसे में चालक की गलती से 13 मासूमों की जान चली गई। वो मासूम जो वैन चालक को आगाह कर रहे थे। रेलवे क्रासिंग पर तैनात रेलवे मित्र रोक रहा था चिल्ला-चिल्ला कर, ट्रेन का चालक किंकर्तव्यविमूढ था। उसे अफशोस है कि वह ट्रेन को रोक नहीं पाया। ऐसे में डीएम योगेश्वर राम भला कैसे न विचलित होते। उस घटना के 24 घंटे बाद ही वह बनारस के मासूमों की जान से खेलने वालों की धरपकड़ को सड़क पर उतर गए। पहुंच गए मकबूल आलम रोड और खुद शुरू कर दी वाहनों की चेकिंग। बता दें कि इससे पहले भी वह कैंटोन्मेंट क्षेत्र में एक बाइक चालक को दौड़ा कर पकड़ चुके हैं, तब वह लखनऊ जाने के लिए आवास से निकले थे, बाइक चालक की गल्ती इतनी थी कि वह ईयर फोन लगा कर बाइक चला रहा था। उसे रोका, कान से ईयर फोन निकलवाया, डांट पिलाई और पुलिस के हवाले कर दिया था। वह ऐसी हरकतों के सख्त खिलाफ हैं। फिर यह तो बच्चों का मामला था।

डीएम योगेश्वर राम ने वाहनों की चेकिंग के लिए चलाए गए विशेष अभियान का नेतृत्व करते हुएम कबूल आलम रोड पर स्वयं वाहनों की जांच के दौरान 8 वाहनों को सीज किया। उधर उनके निर्देश पर शुक्रवार को जिले के नगर एवं देहात क्षेत्रों में वाहनों की व्यापक जांच प्रातः 6:00 बजे से शुरू करा दी गई। प्रमुख चौराहों पर क्षेत्रीय थानों की पुलिस ने ओवरलोडिंग, बगैर हेलमेट लगाए एवं कान में ईयरफोन आदि लगाकर वाहन चलाने वालों, वाहनों के कागजात एवं ड्राइविंग लाइसेंस की व्यापक जांच की। इस विशेष जांच अभियान के तहत कुल 239 स्कूल वाहनों का जांच किया गया, पांच स्कूल वाहन सीज एवं 47 का चालान किया गया और 15 सो रुपए समन शुल्क के रुप में वसूले गए तथा तीन के विरुद्ध 151 में चालान किया गया।
क्षेत्राधिकारी कोतवाली बृजनंदन राय व चौकी प्रभारी गायघाट श्रीकांत पांडेय, काल भैरव चौकी प्रभारी, कबीरचौरा चौकी प्रभारी ने लगभग दो घंटे के दौरान 200 गाड़ियों का मैदागिन और अलग अलग जगहों पर चेकिंग की। यही नहीं 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चे जो दोपहिया वाहनों से स्कूल जाते हैं उनको भी गाड़ी रोककर यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया। स्कूल की कई गाड़ियों को रोक कर के विशेष चेकिंग की गई। इसके तहत सीट बेल्ट, तीन सवारी और कान में ईयर फोन यदि कोई भी लगा कर दिखा तो पुलिस ने तत्परता के साथ उसको रोक कर के गाड़ी के कागज के साथ ड्राइविंग लाइसेंस और उसके यातायात नियमो के बारे में अवगत कराया।
उधर पिंडरा के एसडीएम डॉ एन एन यादव, बड़ागांव सीओ सफीक अहमद हरहुआ पहुंचे और स्कूल बसों को रोककर उनके ड्राइवरों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया ।इसके साथ ही दो पहिया गाड़ियों का चेकिंग भी की कुशीनगर की दर्दनाक घटना के बाद डीएम के इस की कृत्य देखते ही देखते सर्वत्र चर्चा होने लगी। लोगों का कहना था कि अगर ऐसा होता रहा तो कभी भी स्कूल बसों की दुर्घटना नहीं होगी और मासूम बच्चों की जाने नहीं जाएंगी।
शुक्रवार को स्कूली बसो के जॉच हेतु चले इसे बड़े अभियान के तहत नगर क्षेत्र में 702 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 239 पुलिस एवं आरटीओ द्वारा 380 सहित 1321 स्कूली वाहनो के जॉच में नगर क्षेत्र में 164 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 47 पुलिस एवं आरटीओ द्वारा 41 सहित 252 वाहनो का चालान, नगर क्षेत्र में एक एवं ग्रामीण क्षेत्र में पॉच पुलिस एवं आरटीओ द्वारा 37 सहित 43 वाहनो को सीज किये जाने के साथ ही नगर क्षेत्र में 7000=00 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1500=00 सहित 8500=00 रूपये शमन शुल्क वसूलें गये। इसके अलावा तीन का 151 में चालान किया गया। आरटीओ द्वारा सीज किये गये स्कूली वाहनों में वैन, मैजिक एवं बसें शामिल है।
स्कूली वाहन की चेकिंग
 वाहन की चेकिंग
डीएम वाराणसी योगेश्वर राम मिश्र, वाहन चेकिंग
वाहन चेकिंग

ट्रेंडिंग वीडियो