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धन मंजूर फिर भी सपना अधूरा

locationवाराणसीPublished: Feb 17, 2016 11:50:00 am

Submitted by:

Abhishek Pareek

केन्द्र सरकार नए वर्ष में बजट पेश करने की तैयारी में है। जनप्रतिनिधियों व रेलवे के अधिकारियों से पूर्व में प्रस्ताव मांगे जा चुके हैं।

केन्द्र सरकार नए वर्ष में बजट पेश करने की तैयारी में है। जनप्रतिनिधियों व रेलवे के अधिकारियों से पूर्व में प्रस्ताव मांगे जा चुके हैं। वहीं दूसरी और गत रेल बजट की कुछ घोषणाएं कागजों में ही दौड़ कर रह गई है। सबसे महत्वपूर्ण चित्तौडग़ढ़-नीमच रेललाइन के दोहरीकरण का कार्य शुरू ही नहीं हो पाया है। जबकि इसे गत मानसून के बाद शुरू करना था। इसके साथ ही कई योजनाएं अधर में अटकी है। बजट घोषणा के अनुसार चित्तौड़ जंक्शन पर कुछ कार्य जरुर शुरू हुए हैं। संसदीय क्षेत्र में बड़े कार्य अटके हुए हैं।

गत वर्ष केन्द्रीय रेल मंत्री ने 26 फरवरी को रेल बजट पेश किया था। इसमें चित्तौड़ जंक्शन एवं संसदीय क्षेत्र से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थी। इस बजट को एक वर्ष पूरा होने आया है, सरकार नए बजट की तैयारी में है। वहीं गत वर्ष में जो सरकार ने घोषणाएं की थी इनमें कई अधूरी है। इन घोषणाओं का कार्य लम्बे समय तक चलना था। सरकार की ओर से शुरूआत तो कर दी गई, लेकिन धरातल पर काम शुरू नहीं होने से समय पर पूर्ण नहीं हो पाएगी। गत वर्ष सरकार की ओर से चित्तौडग़ढ़-नीमच रेल मार्ग पर ट्रेनों व मालगाडिय़ों के बढ़ते दबाव को देखते हुए इस रेललाइन के दोहरीकरण की घोषणा की गई थी। रेलवे की ओर से इस सम्बंध में आवश्यक तैयारियां ही पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में कार्य शुरू नहीं किया जा सका। दोहरीकरण का कार्य शुरू हो जाता तो भविष्य में चित्तौड़ जंक्शन से होकर गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या में इजाफा हो जाता।

गड्ढे खोद कर छोड़ दिया रेम्प का कार्य
चित्तौड़ जंक्शन पर सबसे बड़ी समस्या प्लेटफार्म संख्या एक से पांच तक के प्लेटफार्म पर जाने की है। ओवरब्रिज की चढ़ाई भारी पड़ती है। गत बजट में रेम्प निर्माण को स्वीकृति मिली थी तथा करीब दो माह पूर्व कार्य भी शुरू हुआ था। लेकिन गत एक माह से यह कार्य बंद पड़ा है। प्लेटफार्म संख्या एक पर खोदे गए गड्ढे लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है।

बजट की घोषणाएं जो अधूरी है -:
– चित्तौड़-नीमच रेल लाइन का दोहरीकरण का कार्य। वित्तीय स्वीकृति भी हो चुकी है।
कारण :- टैण्डर नहीं हुए है। मामला प्रक्रियाधीन है।
– चंदेरिया में 16 करोड़ व निम्बाहेड़ा में पांच करोड़ की लागत से ओवरब्रिज निर्माण
कारण :- केन्द्र सरकार से बजट की स्वीकृति हो चुकी है लेकिन इस योजना में कुछ राशि अंशदान के रूप में राज्य सरकार से आती है। राज्य सरकार से राशि जारी नहीं हुई है। राज्य सरकार से राशि आने के बाद ही कार्य शुरू होगा।
– रेलवे स्टेशन को वाई-फाई से जोडऩे का कार्य
कारण :- कार्य अभी अटका हुआ है। आदर्श स्टेशन में चित्तौड़ शामिल हो गया है, इसके बाद भी वाई-फाई से नहीं जुड़ा
बजट घोषणा के कार्य जो शुरू या प्रक्रियाधीन हैं:-
-उदयपुर-मावली-चित्तौडग़ढ़-अजमेर-रतलाम तथा रतलाम-चित्तौडग़ढ़-कोटा रेललाइन के विद्युतीकरण की घोषणा की थी। इसके लिए सवा छह सौ करोड़ का बजट स्वीकृत होकर टैण्डर प्रक्रियाधीन है।
– चित्तौड़ जंक्शन पर प्लेटफार्म संख्या चार व पांच के विस्तार का कार्य।
– महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन संख्या 182 शुरू हो गई है।
– चित्तौड़ जंक्शन पर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगने का कार्य हो चुका है। चित्तौड़ में दो मशीन लगी हंै।
-बड़ीसादड़ी से मावली ब्राडगेज लाइन को लेकर सर्वे हो गया है।
-मंदसौर-प्रतापगढ़ नई रेल लाइन का कार्य के सर्वे को लेकर बजट की वित्तीय स्वीकृति हो चुकी है।
बजट घोषणा के अलावा हुए कार्य
– चित्तौड़ जंक्शन पर प्लेटफार्म व ओवरब्रिज पर टीन शेड नए लगे।
– निम्बाहेड़ा व कपासन रेलवे स्टेशन पर भी प्लेटफार्म विस्तार व अन्य कार्य शुरू हुए।
– निम्बाहेड़ा में बान्द्रा टर्मिनस, कपासन में इन्टरसीटी, शंभूपुरा में जोधपुर-रतलाम ट्रेन का स्टोपेज शुरू हुआ
– ट्रेनों में बढ़ा वीआईपी कोटा

आगामी बजट से आस
– मावली से बड़ीसादड़ी के ब्रॉडगेज का कार्य शीघ्र पूरा हो।
फायदा :- यह रेल लाइन आजादी के बाद की है, जब लाल बहादुर शास्त्री रेल मंत्री थे। वर्षों से लोगों की मांग बड़ी लाइन की है, ताकि ट्रेनों की व यात्री सुविधाएं बढ़े।
– कोटा-नीमच रेललाइन सर्वे में शामिल हो बेगूं
फायदा :- कोटा से नीमच रेललाइन के सर्वे को हरी झण्डी मिली है, जो चित्तौडग़ढ़ जिले की सीमा से होकर गुजर रही है। इस सर्वे में बेगूं के शामिल होने पर रेल लाइन यहां से गुजरती है तो जिले के दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस मार्ग पर भी ट्रेन की सुविधा मिलेगी।
– कुंभानगर फाटक से आगे अण्डरपास का निर्माण
फायदा :- ओवरब्रिज निर्माण के बाद कुंभानगर फाटक को बंद कर दिया। ऐसे में कुंभानगर क्षेत्र में आने जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है। वहीं ओवरब्रिज भी संकड़ा बना है। ऐसे में बीएसएनएस कार्यालय या इससे पहले अण्डरब्रिज को स्वीकृति मिलती है तो लोगों को घुम कर कम जाना पड़ेगा।
– सभी स्टेशनों पर बढ़े यात्री सुविधाएं
फायदा :- चित्तौडग़ढ़ जिले में कपासन, निम्बाहेड़ा सहित कई बड़े रेलवे स्टेशन है, जहां यात्रियों की भारी भीड़ रहती है। ट्रेनों की संख्या बढऩे के साथ ही सुविधाएं बढ़ती है तो रेल यातायात से लोगों का जुड़ाव बढ़ेगा।
-लोकल ट्रेनें बढ़े, साऊथ से हो कनेक्टिविटी
फायदा :- चित्तौड़ से रतलाम, उदयपुर, कोटा व अजमेर के लिए लॉकल ट्रेनों की कमी है। कुछ टे्रनें हैं भी लेकिन कई मार्ग पर 12 घंटे के अंतराल से है। साथ ही दक्षिण भारत में व्यवसाय एवं अध्ययन के लिए चित्तौड़ ही नहीं पूरे मेवाड़ संभाग का जुड़ाव है। ऐसे में साऊथ के लिए ट्रेनें आवश्यक है।
-रतलाम में क्यूब का हो शीघ्र निर्माण
फायदा :- रतलाम में रेलवे की और से क्यूब का निर्माण हो रहा है। यह क्यूब शीघ्र बनता है तो रतलाम से चित्तौडग़ढ़ व अजमेर की और आने वाली ट्रेनों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
– सिहंस्थ के लिए मिले ट्रेनें
फायदा :- आगामी अप्रेल माह से उज्जैन में सिंहस्थ होना है। ऐसे में देश के विभिन्न मार्गों से उज्जैन जाने के लिए चित्तौड़ जंक्शन महत्वपूर्ण स्टेशन होगा है। ऐसे में यहां यात्री सुविधाएं भी बढ़े तथा यहां से गुजरने वाली ट्रेंनों की संख्या में भी इजाफा किया जाए। इससे क्षेत्र से सिंहस्थ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा।
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