scriptVaranasi Multimodal Terminal: नदियों पर बना देश का पहला टर्मिनल, जो कंटेनर कार्गो हैंडलिंग में सक्षम | Varanasi Multimodal Terminal India's First MMT for Cargo Handling | Patrika News

Varanasi Multimodal Terminal: नदियों पर बना देश का पहला टर्मिनल, जो कंटेनर कार्गो हैंडलिंग में सक्षम

locationवाराणसीPublished: Dec 24, 2020 09:30:16 am

अपने आप में बेहद खास है वाराणसी मल्टी मॉडल टर्मिनल (Varanasi Multimodal Terminal)
सेकेंड फेज में (Freight Village) फ्रेट विलेज, पैकेजिंग सेंटर व वेयर हाउस पर काम
दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर कंपनी मस्र्क भी जुड़ी
अलकनंदा (Alaknanda Cruise Ship के अलावा नए साल में मिलेगा एक और अत्याधुनिक क्रूज

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पत्रिका एक्सप्लेनर

एमआर फरीदी

वाराणसी. वाराणसी से हल्दिया तक बना देश के पहला जलमार्ग (Varanasi Haldia Waterway) आर्थिक प्रगति की नई कहानी लिख रहा है। नदियों पर बना यह पहला ऐसा टर्मिनल है, जो कंटेनर कार्गो हैंडलिंग में सक्षम है। इस जलमार्ग से वाराणसी परिक्षेत्र का आर्थिक परिदृष्य तेजी से बदल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में वाराणसी में देश के पहले (Varanasi Multimodal Terminal) मल्टी मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) का उद्घाटन किया था। तब इसे न्यू इंडिया के न्यू विजन का सुबूत बताया था। 2018 में पेप्सिको के कंटेनर शिप (Pepsico Container Ship) को यहां से रवाना किया गया था। तब से लेकर अब तक डेढ़ दर्जन बार कार्गो शिप की आवाजाही हो चुकी है। यूपी से कोलकाता के रास्ते चीजें विदेश भेजी जा रही हैं।

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पीपीपी माडल का देश पहला एमएमटी

काशी में टर्मिनल का निर्माण भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterwas Athaurity of India) ने विश्व बैंक की मदद से किया है। पीपीपी मॉडल (PPP Model) पर विकसित होने वाला रोडवेज, वाटर वेज और रेलवेज से सामान ढुलाई की सुविधा वाला यह देश का पहला एमएमटी है। अब इसके विस्तारीकरण पर काम चल रहा है।

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100 एकड़ में बनेगा फ्रेट विलेज

द्वितीय चरण में एमएमटी के ठीक सटे 100 एकड़ में एक फ्रेट विलेज (Freight Village) बनेगा। जहां पैकेजिंग सेंटर, बड़े वेयर हाउस और छोटे-छोटे सेंटर्स खोले जाएंगे। ताकि कंपनियां और कारोबारी माल स्टोर कर कहीं भी भेज सकें। पैकिंग की सुविधा के लिए संबंधित इंडस्ट्री भी डेवलप की जाएगी।

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कन्वेयर बेल्ट वाली नई जेटी

एमएमटी के अलावा 300 मीटर की एक और जेटी की योजना पर काम चल रहा है। ताकि एक साथ तीन जहाज संचालित किये जा सकें। यह कन्वेयर बेल्ट (Conveyor Belt) से लैस होगी। इसके जरिए सामान सीधे शिप में लोड हो जाएगा। इसके बन जाने के बाद एमएमटी पर कुल 500 मीटर लंबी जेटी होगी, जिसपर 5 जहाज एक साथ लोडिंग-अनलोडिंग कर सकेंगे।

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रेलवे ट्रैक का काम जारी

एमएमटी को छह किलोमीटर रेलवे लाइन बनाकर हावड़ा से दिल्ली ग्रांड कॉर्ड लाइन से जीवनाथपुर (Jeonathpur Railway Station) स्टेशन पर जोड़ा जाएगा, जो मुगलसराय रेलवे स्टेशन (Mughalsarai Railway Station) के बिल्कुल नजदीक है। इसके लिए 32 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का काम जारी है। यहां फिलहाल दो रेल ट्रैक (Rail Track) बनाए जाएंगे जिससे एमएमटी से माल ढुलाई के लिये रेलवे की सुविधा भी जुड़ जाएगी।

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पैसेंजर शिप

वाराणसी में अभी फिलहाल एयर कंडिशन अलकनंदा क्रूज (Alaknanda Cruise Ship) संचालित हो रहा है। नए साल में एक और लग्जरी क्रूज शिप वाराणसी (Luxery Cruise Ship Varanasi) को मिलने वाला है। घाटों की आभा निहारने और गंगा आरती देखने के लिए इसे खूब पसंद किया जा रहा है।

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दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर कंपनी जुड़ी

वाराणसी के जल परिवहन मार्ग से दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनी मेेेर्स्क (Maersk Container Shiping) भी जुड़ चुकी है। मेेेर्स्क के कंटेनर वाराणसी से हल्दिया के लिए भेजे जा चुके हैं। दुनिया भर में मेेेर्स्क के सालाना 12 मिलियन कंटेनर चलते हैं।

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घट जाएगी माल ढुलाई लागत

भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ जल सर्वेक्षक राकेश कुमार बताते हैं कि एमएमटी पीपीपी मोड में काम शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। विस्तारीकरण पर भी काम हो रहा है। इसके शुरू होते जलमार्ग से माल ढुलाई लागत काफी घट जाएगी।

 

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वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग एक नजर में

लंबाई-1390 किलोमीटर

लागत-4200 करोड़ रुपये

शुरुआत- अगस्त 2016

-ट्रायल रन में वाराणसी से हल्दिया भेजे गयी थी मारुती कार की खेप

उद्घाटन- पीएम मोदी ने 12 नवंबर 2018 को किया

-पेप्सिको के कंटेनर को दिखायी थी हरी झंडी

 

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खास है एमएमटी की जेटी

-200 मीटर लंबी 42 मीटर चौड़ी है जेटी

– दो हार्बर क्रेन 50 टन शिप पर लोड अनलोड कर सकते हैं

– एक साथ 80 मीटर लंबे दो कार्गो शिप ऑपरेट करने की सुविधा

– बड़े हेलिकॉप्टर उतर सकने वाले दो हेलिपैड

– एडजस्ट करने वाली पैसेंजर शिप जेटी

– बाढ़ में जलस्तर बढऩे पर अपने आप उठ जाएगी

-पैसेंजर शिप और रो-रो संचालित करने की सुविधा

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कनेक्टिविटी

रोड-नेशनल हाइवे 2 और एनएच 7 600 मीटर की दूरी पर

रेल-जीवनाथपुर रेलवे स्टेशन 6 किमी, रेल ट्रैक बन रहा

वाटर- वाराणसी से हल्दिया तक जलमार्ग

एयर-दो हैवी ड्यूटी हेलिपैड की सुविधा

स्टेट-100 किमी की रेंज में बिहार, मप्र, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य

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दो रो-रो शिप

-दो रो-रो शिप पैसेंजर के बैठने के लिए 200 सीट

-डेक के साथ ही गाडिय़ां लाने-ले जाने की सुविधा

-छोटी गाडिय़ों से सीधे माल लोड-अनलोड करने की सहूलियत

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