वाराणसी के नरिया-करौंदी मार्ग पर जलाया जा रहा कूड़ा
वाराणसी. एक तरफ वायु प्रदूषण को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने तमाम नियम बनाए हैं। रोजाना सख्ती की बात शासन से लेकर प्रशासन स्तर तक की जाती है। यहां तक कि यूपी सरकार ने अभियान चला कर पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध जमकर मुकदमा दर्ज कराया। वो अन्नदाता शासन-प्रशासन की नजर में अपराधी हो गए। लेकिन उसी शासन-प्रशासन को नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा खुले आम जलाए जा रहे कूड़ों पर नजर नहीं जाती। इससे आबो हवा कितनी प्रदूषित हो रही है यह कम से कम वाराणसी के जिला एवं नगर निगम प्रशासन को तनिक भी नजर नहीं आता।
यूं तो पूरे बनारस शहर में जहां-तहां कूड़ा डंपिंग जोन बना दिया गया है। नगर निगम के सफाई कर्मचारी इस तरह से कूड़े का अंबार लगा रहे हैं और जब कूड़े का अंबार पहाड़ में तब्दील हो जाता है तो उसमें आग लगा दी जाती है।
बनारस के नरिया-करौंदी मार्ग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की चहारदीवारी सटे कूड़े का ढेर लगा है। यह कोई नई बात नहीं है, यहां अक्सर कूड़ा गिराया जाता है। बता दें कि इस चहारदीवारी के ठीक पीछे सरसुंदर लाल अस्पताल है। अस्पताल में हाई सेंसटिव पेशेंट हैं। लेकिन नगर निगम को इससे कोई सरोकार नहीं है। उन्हें शहर को साफ दिखाने के लिए शहरी सीमा पर कूड़ा गिराने का लाइसेंस हासिल है। इतना ही नहीं उसमें आग लगाने की भी छूट है।
IMAGE CREDIT: पत्रिका यह तब है जब वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्तर से नगर निगम को भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। अब सोमवार को ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें करौंदी-नरिया मार्ग पर लगे कूड़े के ढेर में आग लगाई गई है जिसका काला धुआं वातावरण को प्रदूषित कर रहा है।
बता दें कि ये वो शहर है जिसे दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में चिन्हित किया गया है। उस शहर में नगर निगम की उपेक्षा के प्रति लोगों में जबरदस्त गुस्सा है।
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