चार दिन पहले हुई है पिता की मौत इस सम्बन्ध में patrika.com ने हरहुआ ब्लॉक के वाजिदपुर ग्राम प्रधान और ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष लालमन यादव से बात की, उन्होंने बताया कि मेरे पिता जी की चार दिन पहले मृत्यु हुई है। ऐसे में गांव के मानिंद लोग मेरे घर आए और कई दिनों से चल रही इस बात की अब तेरहवीं का भोज बंद किया जाए क्योंकि ये उस परिवार पर अतरिक्त बोझ है जिसके घर मौत हुई है, पर बातचीत शुरू हुई।
लोगों ने कहा कि प्रधान जी आप शुरुआत करें ग्रामीणों का जुटान मेरे आवास पर हुआ और धीरे-धीरे कर कई गांव के प्रधान भी आवास पर पहुँच गए और सभी ने यही कहा कि आप महाप्रधान हैं। प्रधान संघ के अध्यक्ष हैं यदि आप अपने पिता जी की मृत्यु के बाद इस कुप्रथा को खत्म करेंगे तो आगे लोग सीख लेते हुए ऐसा नहीं करेंगे।
लिया गया फैसला लालमन यादव ने बताया कि इसके बाद हम सभी ने एकजुट होकर यह फैसला लिया है कि आज से गांव में कसी की भी मृत्यु के बाद तेरहवीं भोज का आयोजन नहीं होगा। इसके स्थान पर घाट पर होने वाले पारंपरिक पूजा के बाद उक्त व्यक्ति के लड़के गांव में पेड़ लगाएंगे और जीवन भर उसकी रक्षा का संकल्प लेंगे। साथ ही तेरही के भोज के नाम पर खर्च किए जाने वाले पैसे को व्यक्ति गरीबों की शिक्षा में भी लगवा सकता।
तेरहवीं का भोज करने वाले का होगा बहिष्कार लालमन यादव ने बताया कि यदि गांव का कोई वयक्ति तेरहवीं भोज का आयोजन करता है तो उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा, साथ ही हमारे गांव से अब लोग दुसरे गांव में भी तेरहवीं में शामिल होने नहीं जाएंगे। ग्रामीणों द्वारा लिए गए निर्णय के बाद हरहुआ ब्लाक के चक्का ग्राम प्रधान मधुबन यादव, हरहुआ ग्राम प्रधान अनवर हाशमी, औरा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय पटेल, कोईराजपुर ग्राम प्रधान मोदी यादव, आयर ग्राम प्रधान सूर्य प्रकाश, अटेसुआ ग्राम प्रधान मटरू, चमाव के ग्राम प्रधान मुकेश पटेल सहित अन्य प्रधानों द्वारा इस निर्णय की सराहना की गई।