सपा एमएलसी ने उठाया था मुद्दा
बता दे कि यह मसला नगर निकाय चुनाव के दौरान भी उठा था, तब सपा के एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कहा था कि नगर निगम में जीत-हार चाहे जिसकी हो अब इस शहर के विकास यानी स्मार्टनेस से निर्वाचित नगर निगम का कोई सरोकार नहीं रहेगा। उन्होंने तभी बताया था कि स्मार्ट सिटी एक्ट के तहत एक कमेटी गठित की गई है जिसमें मेयर तक को कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं है। उस कमेटी का चेयरमैन कमिश्नर हैं, नगर आयुक्त को पदेन सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। शतरुद्र प्रकाश की बातें सोमवार को हुई नगर निगम कार्याकारिणी समिति की बैठक में चरितार्थ हो गई।
बता दे कि यह मसला नगर निकाय चुनाव के दौरान भी उठा था, तब सपा के एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कहा था कि नगर निगम में जीत-हार चाहे जिसकी हो अब इस शहर के विकास यानी स्मार्टनेस से निर्वाचित नगर निगम का कोई सरोकार नहीं रहेगा। उन्होंने तभी बताया था कि स्मार्ट सिटी एक्ट के तहत एक कमेटी गठित की गई है जिसमें मेयर तक को कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं है। उस कमेटी का चेयरमैन कमिश्नर हैं, नगर आयुक्त को पदेन सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। शतरुद्र प्रकाश की बातें सोमवार को हुई नगर निगम कार्याकारिणी समिति की बैठक में चरितार्थ हो गई।
इस तरह स्मार्ट सिटी का बजट हुआ बाहर
जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने अधिनियम की धारा 91(1) के तहत जो मूल बजट प्रस्तावित किया था उसमें 10 अरब, 26 करोड़, 27 लाख, 9000 रुपये का प्रावधान था। लेकिन सोमवार को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व के बजटीय प्रावधान को घटा कर सात अरब, 55 करोड़, 13 लाख, 90 हजार रुपये कर दिया गया। बताया गया कि स्मार्ट सिटी काम काम अलग यूनिट देखेगी लिहाजा उसका बजट हटा दिया गया है। मजेदार तो यह कि निगम कार्यकारिणी ने इस प्रशासनिक बजट को बगैर किसी संशोधन के सर्वसम्मति से पास कर दिया।
जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने अधिनियम की धारा 91(1) के तहत जो मूल बजट प्रस्तावित किया था उसमें 10 अरब, 26 करोड़, 27 लाख, 9000 रुपये का प्रावधान था। लेकिन सोमवार को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व के बजटीय प्रावधान को घटा कर सात अरब, 55 करोड़, 13 लाख, 90 हजार रुपये कर दिया गया। बताया गया कि स्मार्ट सिटी काम काम अलग यूनिट देखेगी लिहाजा उसका बजट हटा दिया गया है। मजेदार तो यह कि निगम कार्यकारिणी ने इस प्रशासनिक बजट को बगैर किसी संशोधन के सर्वसम्मति से पास कर दिया।
आय वृद्धि का प्रस्ताव खारिज
बजट में चर्चा के दौरान निगम की आय वृद्धि के लिए कुछ मदों में वृद्धि का प्रस्ताव भी आया लेकिन कार्यकारिणी की सभापति मेयर मृदुला जायसवाल ने यह कह कर खारिज कर दिया कि जो प्रावधान बजट में किया गया है उसे तो निगम के अफसर पूरा करें। हालांकि माना यह जा रहा है कि कार्यकारिणी की पिछली बैठक में जिस तरह से निगम की दुकानों के किराये में बढ़ोत्तरी की गई और उसके चलते जिस तरह का विरोध हुआ उसे देखते हुए सभापति ने और कोई वृद्धि न करने का फैसला लिया।
बजट में चर्चा के दौरान निगम की आय वृद्धि के लिए कुछ मदों में वृद्धि का प्रस्ताव भी आया लेकिन कार्यकारिणी की सभापति मेयर मृदुला जायसवाल ने यह कह कर खारिज कर दिया कि जो प्रावधान बजट में किया गया है उसे तो निगम के अफसर पूरा करें। हालांकि माना यह जा रहा है कि कार्यकारिणी की पिछली बैठक में जिस तरह से निगम की दुकानों के किराये में बढ़ोत्तरी की गई और उसके चलते जिस तरह का विरोध हुआ उसे देखते हुए सभापति ने और कोई वृद्धि न करने का फैसला लिया।
संपत्ति कर मद में वृद्धि
चर्चा के दौरान निगम प्रशासन द्वारा मूल बजट में संपत्ति कर के मद प्रस्तावित 38 करोड़ रुपये को बढा कर 43 करोड़ कर दिया गया है। यह लक्ष्य निगम को वर्ष 2018-19 के वित्तीय वर्ष में हासिल करना है। चर्चा के दौरान शहर में खुलीं शराब व बीयर की दुकानों के लाइसेंस शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव भी सदस्यों ने रखा लेकिन उसे भी सभापति ने यह कह कर खारिज कर दिया कि पहले से लागू शुल्क तो वसूल लिया जाए। हालांकि उन्होंने इसके लिए राजस्व विभाग को सख्त हिदायत दी कि वे संचालित दुकानों की सूची हासिल कर लाइसेंस शुल्क की शतप्रतिशत वसूली करें। कार्यकारिणी ने रेलवे और रोडवेज से मिलने वाले यात्री कर के बंद होने पर भी चिंता जताई और अधिकारियों को इसके लिए पहल करने का निर्देश दिया।
चर्चा के दौरान निगम प्रशासन द्वारा मूल बजट में संपत्ति कर के मद प्रस्तावित 38 करोड़ रुपये को बढा कर 43 करोड़ कर दिया गया है। यह लक्ष्य निगम को वर्ष 2018-19 के वित्तीय वर्ष में हासिल करना है। चर्चा के दौरान शहर में खुलीं शराब व बीयर की दुकानों के लाइसेंस शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव भी सदस्यों ने रखा लेकिन उसे भी सभापति ने यह कह कर खारिज कर दिया कि पहले से लागू शुल्क तो वसूल लिया जाए। हालांकि उन्होंने इसके लिए राजस्व विभाग को सख्त हिदायत दी कि वे संचालित दुकानों की सूची हासिल कर लाइसेंस शुल्क की शतप्रतिशत वसूली करें। कार्यकारिणी ने रेलवे और रोडवेज से मिलने वाले यात्री कर के बंद होने पर भी चिंता जताई और अधिकारियों को इसके लिए पहल करने का निर्देश दिया।
बजट की प्रति से नगर आयुक्त का हस्ताक्षर गायब, हुआ हंगामा
बैठक में एक बार फिर हंगामे की स्थिति बनी जब कार्यकारिणी सदस्यों को दिए गए एजेंडे से नगर आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों का दस्तखत ही गायब देख सदस्य भड़क गए। ऐसे में बैठक के दौरान ही अधिकारियों ने बजट एजेंडे पर अपना हस्ताक्षक किया। बता दें कि गत शुक्रवार को आयोजित बजट बैठक में जम कर हंगामा हुआ था। वह इसलिए कि कार्यकारिणी सदस्यों को जो बजट की प्रति मिली थी उस पर मेयर के हस्ताक्षर थे। इसे मुद्दा बनाते हुए सदस्यों ने तर्क दिया कि जब सभापति का हस्ताक्षर हो चुका है तो यह बजट खुद ब खुद स्वीकृत हो गया फिर इस बैठक का औचित्य ही क्या। ऐसे में हंगामे के बाद बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। अब संशोधन के बाद जब नया एजेंडा आया तो उसमें से सभापति के साथ नगर आयुक्त व अन्य संबंधित अफसरों के हस्ताक्षर भी गायब हो गए।
बैठक में एक बार फिर हंगामे की स्थिति बनी जब कार्यकारिणी सदस्यों को दिए गए एजेंडे से नगर आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों का दस्तखत ही गायब देख सदस्य भड़क गए। ऐसे में बैठक के दौरान ही अधिकारियों ने बजट एजेंडे पर अपना हस्ताक्षक किया। बता दें कि गत शुक्रवार को आयोजित बजट बैठक में जम कर हंगामा हुआ था। वह इसलिए कि कार्यकारिणी सदस्यों को जो बजट की प्रति मिली थी उस पर मेयर के हस्ताक्षर थे। इसे मुद्दा बनाते हुए सदस्यों ने तर्क दिया कि जब सभापति का हस्ताक्षर हो चुका है तो यह बजट खुद ब खुद स्वीकृत हो गया फिर इस बैठक का औचित्य ही क्या। ऐसे में हंगामे के बाद बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। अब संशोधन के बाद जब नया एजेंडा आया तो उसमें से सभापति के साथ नगर आयुक्त व अन्य संबंधित अफसरों के हस्ताक्षर भी गायब हो गए।