आने वाले दिनों में सुधार के आसार नहीं टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा की जुलाई तक होटल व ट्रैवल एजेंसीज शुरू होने कोई सम्भावना नहीं दिख रही है। सरकार के रवैये से लगता है कि इस वर्ष पर्यटन उद्योग डूब सकता है। अगर इस उद्योग को अभी राहत नहीं दी गई तो आने वाले समय में इससे उबार पाना बहुत मुश्किल साबित हो सकता है।
व्यापक पैमाने पर रोजगार देता है यह सेक्टर अर्थशास्त्री और उद्योग मामलों के जानकार डॉ. आरएन त्रिपाठी कहते हैं कि 2019 तक भारत में पर्यटन क्षेत्र में 4.3 करोड़ रोजगार सृजित हुए जो देश के कुल रोजगार का 8.2 प्रतिशत था। अगर इसमें से 40 से 50 प्रतिशत लोगों का रोज़गार जाता है तो वो दो करोड़ से भी ज़्यादा होगा। भारत सरकार व प्रदेश सरकार पर्यटन को उद्योग मानती है फिर भी उद्योगों को दिए गए आर्थिक पैकिज में पर्यटन को शामिल नहीं किया जाना निराशाजनक है।
बनारस में पर्यटकों की स्थिति वाराणसी के विकास व आर्थिक दृष्टिकोण से पर्यटन उद्योग एक महत्वपूर्ण भूमिका में हमेशा से रहा है। एक तरफ़ काशी विदेशियों को आकर्षित करता है तो दूसरी ओर देशी पर्यटकों के लिए भी आस्था का केंद्र है।
क्या कहते हैं आंकड़े 2019 के आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 3.5 लाख विदेशी पर्यटन काशीनगरी में आए थे। वहीं देशी पर्यटकों की संख्या 40 लाख तक थी। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 3.5 लाख विदेशी पर्यटकों से 350 करोड़ और 40 लाख देशी पर्यटको से 1200 करोड़ की कमाई हुई। ऐसे में विदेशी व देशी पर्यटकों से करीब 15 अरब के आसपास की कमाई बनारस के इस उद्योग को हुई, जो इस साल पूरी तरह से तबाह हो चुका है। होटल, उद्यमी से लेकर हस्तकला उद्योग से जुड़े लोग या फिर बुनकर और नाविक तक सभी जुड़े हैं और सब की जीविका पूरी तरह पर्यटन पर ही आश्रित है। जबकि लॉकडाउन में सबका हाल बुरा है।