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इस चाहत ने वाराणसी की महिला को बना दिया बच्चा चोर

locationवाराणसीPublished: Nov 17, 2017 01:36:03 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

तीन माह के बच्चे को जीआरपी ने सकुशल किया बरामद

Woman Theft

बच्चा चोर महिला

वाराणसी. यूपी के वाराणसी की रहने वाली महिला ने रामबाग मड़ुआडीह पैसेंजर ट्रेन से बच्चे को चुराकर अपने घर ला रही थी। चोरी हुए तीन माह के बच्चे को जीआरपी पुलिस ने सकुशल बरामद कर उसकी मां को सकुशल सौंप दिया है। साथ ही बच्चा चोरी करने वाली महिला को भी झूंसी स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया है।
संतान के लिए तरस रही महिला ट्रेन से बच्चा चुराकर वाराणसी के रोहनिया में अपने घर ले गई थी। खोजबीन के दौरान मंगलवार सुबह पुलिस को पता चला कि वह बच्चे को लेकर मुंबई में पति के पास जा रही है।
इस चाह ने महिला को बनाया बच्चा चोर

एसपी रेलवे पीके मिश्र के मुताबिक, गिरफ्तार महिला सीता देवी वाराणसी के रोहनिया में वाराणसी के रोहनिया इलाके के चंदापुर गांव निवासी पिंटू कनौजिया की पत्नी है। पिंटू पूना में लांड्री खोलकर कपड़े धुलने और प्रेस करने का काम करता है। 2003 में शादी होने के 14 साल बाद भी संतान नहीं होने से सीता बेहद दुखी रहती थी।
वह यहां दारागंज में एक होम्योपैथिक डॉक्टर के पास दवा लेने आती थी। शनिवार को भी वह दवा लेने के बाद वाराणसी में घर लौटने के लिए ट्रेन में बैठी थी। तभी बगल में बैठी प्रेमा के बच्चे को गोद में लेकर दुलार करने लगी। उसके मन में बच्चे के लिए ऐसी मोह जगी कि वह उसे गोद में लेकर चुपचाप भीटी स्टेशन पर उतरी और बस में बैठकर घर चली गई। उसने घर ले जाकर बच्चे का मुंडन कराया। उसके लिए नए कपड़े खरीदे थे। पकडे़ जाने पर वह देर तक रोती रही, जबकि बच्चे को दुबारा पाकर खुश प्रेमा की भी आंखों से आंसू बहते रहे। सीओ मोनिका चड्ढा ने कहा कि बाल दिवस पर प्रेमा की गोद में उसका मासूम बेटा लौटाकर रेलवे पुलिस को खुद भी बेहद खुशी और संतोष मिला है।
बच्चा चुराने वाली सीता ने ट्रेन से उतरने की हड़बड़ी में अपना बैग ट्रेन में छोड़ दिया था। उस बैग में पुलिस को दो डॉक्टरों की रसीद मिली। एक रसीद दारागंज के होम्योपैथिक डॉक्टर की थी, जिसमें नाम सुशीला लिखा था। डॉक्टर ने बताया कि यह महिला मडुआडीह पैसेंजर से दारागंज आती-जाती रही है। वह गर्भधान के लिए दवा लेने आती है।
इससे पुलिस को सुराग मिला कि महिला वाराणसी में मडुआडीह के आसपास की है। दूसरी रसीद वाराणसी के एक अल्ट्रासाउंड सेंटर की थी, जिसमें महिला का नाम सीता लिखा था। जीआरपी इंस्पेक्टर अशोक दुबे अल्ट्रासाउंड सेंटर से जानकारी जुटाकर चेतगंज में महिला डॉक्टर के क्लीनिक तक पहुंच गए। क्लीनिक के कंपाउंडर ने सीता नामक महिला के साथ आने वाले एक लड़के का मोबाइल नंबर दिया।
इंस्पेक्टर ने उस लड़के को फोन किया तो पता चला कि बच्चा चोर महिला का असली नाम सीता है। वह वाराणसी के रोहनिया में चंदापुर की रहने वाली है। मंगलवार सुबह पुलिस टीम सीता के घर पहुंची तो पता चला कि वह बच्चे को
वाराणसी से तलाश में जुटी पुलिस ने झूंसी स्टेशन पर महिला को पकड़ लिया। दारागंज से मां प्रेमा को बुलाकर उसका बच्चा सौंप दिया गया। दारागंज के सरैया खुर्द मुहल्ले में रहने वाले राजू निषाद की पत्नी प्रेमा शनिवार को मां कलावती के साथ गोपीगंज में अपने मायके के लिए रवाना हुई थी। वह दारागंज स्टेशन से रामबाग-मडुआडीह पैसेंजर में चढ़कर तीन माह के बेटे कमलेश को गोद में लेकर बैठी थी।
उसके पास एक अजनबी महिला आकर बैठी और बेटे कमलेश को गोद में लेकर खिलाने लगी। वह महिला हंडिया इलाके के भीटी स्टेशन पर बच्चे को लेकर उतर गई। प्रेमा और उसकी मां कलावती ने भी स्टेशन पर उतरकर खोजबीन की लेकिन महिला नहीं मिली। जीआरपी थाने में अज्ञात महिला के खिलाफ चोरी का रिपोर्ट लिखकर इंस्पेक्टर अशोक दुबे ने उसकी तलाश शुरू की। तमाम प्रयास के बाद मंगलवार को रेलवे पुलिस ने बच्चा बरामद कर महिला को गिरफ्तार कर लिया।
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