वाराणसी के युवा और बीएचयू के पूर्व छात्र नेता यतीन्द्र पति पाण्डेय ने विदेश मंत्रालय दिल्ली से संपर्क कर इन्हें राजनयिक मदद दिलाई, यही नहीं यतीन्द्र अमरावती देवी को लेकर भारतीय दूतावास काठमांडू पहुंचे और आईपीएस अधिकारी के. टी. खम्पा से बात की। भारतीय दूतावास काठमांडू के आईपीएस अधिकारी के. टी. खंपा ने खुद नवल परासी जेल जाकर महेंद्र का हाल – चाल जाना व उनके मामले को समझा । के. टी. खम्पा ने बताया कि महेंद्र वर्मा एक मोटर वाहन दुर्घटना मामले में नवलपुर जिला न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु और दूसरे को गंभीर चोट लगी। वह 11 जनवरी, 2017 से चार साल की जेल की सजा काट रहे हैं। नेपाल के कानून के अनुसार यदि मृतक व घायल व्यक्ति के परिजनों को 5 लाख और 2.5 लाख रुपए नेपाली रुपए दे दिए गए होते तो अब तक महेंद्र वर्मा जेल से रिहा हो जाता । सजा पूरी होने के बाद भी अगर जुर्माने की रकम नहीं दी गई तो आजीवन जेल में ही रहना पड़ेगा ।
वहीं मां अमरावती का कहना है कि दुर्घटना किसी और गाड़ी ने की और मेरा बेटा उस जगह होने के कारण पकड़ा गया। अब उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये अपने बेटे को छुड़ा सकें और 75 वर्ष की अवस्था में भीख मांग कर इतना पैसा जुटाना संभव नहीं है । अब भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद महेंद्र वर्मा के खान – पान उचित प्रबंध कर दिया गया है। इस मामले में यतीन्द्र ने पश्चिमी नेपाल के कैलाली क्षेत्र से सांसद नरादमुनी राना से भी मिलकर बातचीत की । नेपाली सांसद ने हर संभव मदद का आश्वसान दिया है । यतीन्द्र ने इस मां को इंसाफ दिलाने के लिये विदेश मंत्रालय और वाराणसी के सांसद से भी मदद की गुहार लगाई है ।