मुंह अंधेरे से देवी मंदिरों में लगी भक्तो की कतार, मुखनिर्मालिक गौरी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु आलम ये कि मुंह अधेरे से ही देवी दरबारों में दर्शन को भक्तों की लंबी कतार लग गई। चैत्र नवरात्र में गौरी व मां दुर्गा के 9 रुपों का दर्शन किया जाता है। वासंतिक नवरात्र के पहले दिन मां गौरी के रुप में प्रथम मुखनिर्मालिका गौरी के दर्शन का विधान है। काशी के गायघाट स्थित हनुमान मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही। गायघाट क्षेत्र स्थित एक हनुमान मंदिर में मुखनिर्मालिका गौरी के विग्रह का ब्रह्म मुहूर्त में मंगला आरती के बाद पट खोल दिया गया। इसके साथ ही भक्तों कतार दर्शन को लग गई। भक्त माता को नारियल, चुनरी, भोग, प्रसाद, और सिंगार का सामान अर्पित करके शीश नवाते रहे।
वहीं दूसरी ओर शक्ति स्वरूपा मां शैलपुत्री के दरबार में भी भक्तों की भारी भीड़ जमा हुई। अलईपुरा स्थित माता शैलपुत्री के दरबार में भी भक्तों की कतार भोर से ही लग गई। यहां पुसिल प्रशासन ने सुरक्षा के खास बंदोबस्त किए हैं। मां के दर्शन को भक्तो का जो क्रम सुबह से शुरू हुआ वो देर रात तक जारी रहेगा।
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काशी में गंगा तट पर सूर्योपासना और मां गंगा को वंदन कर नव संवत्सर 2079 का अभिनंदनघरों में सविधि कलश स्थापन के साथ शुरू हुआ श्री दुर्गा सप्तशती पाठ उधर देवी भक्तों ने घरो में कलश की स्थापना कर मां का आवहन किया। देवी के आवाहन के पश्चात श्री दुर्गासप्तशती का पाठ आरंभ हुआ। ज्यादातर भक्तों ने इसके लिए ब्राह्मणों, पुरोहितों या बटुकों को आमंत्रित कर देवी पाठ शुरू कराया तो अधिकांश गृहस्थों ने खुद ही माता रानी के आवाहन के साथ दुर्गासप्तशती का पाठ शुरू किया। इसके चलते चारों ओर धूप-दीप और लोहबान की सुगंध फैल गई। उधर पंजाबी परिवारों में माता की चौकी सजाई गई।