सुबह रेवड़ी तालाब से दावत-ए-इस्लामी के अलावा सुन्नी जमीयत उलेमा की ओर से काजी-ए-शहर के नेतृतव में जुलूस सुबह सात बजे निकला। इसमें बड़ी तादाद में लोग रंग-बिरंगा साफा (पगड़ियां) पहले, हाथों में अंजुमन-ए-इस्लामी के परचम लिये हुए नारा-ए-तकबीर और सरकार की आमद मरहबा के नारे बुलंद करते चल रहे थे। जुलूस में अंजुमन ऑल इंडिया तब्लीगे सीरत, कारवाने रजा, इस्लामिक फाउंडेशन, इस्लामिक हैंड, रजा इस्लामिक मिशन, रजा फाउंडेशन, रजा एकेडमी, अंदलीब-ए-रजा, गुलशन-ए-हस्सान, जमात रजा-ए-मुस्तफा, महफूजिया, हनफी रजवी सोसाइटी, खाकसारान-ए-हक और दावत-ए-इस्लामी जुलूस में शामिल रहीं।
जुलूस इतना विशाल था कि उसका एक सिरा मदनपुरा था तो दूसरा कबीरचौरा। रेवड़ी तालाब से भेलूपुरा, शिवाला, रविन्द्रपुरी, गौरीगंज, सोनारपुरा, मदनपुरा, गोदौलिया, चौक, मैदागिन, कबीरचौरा से पियरी होते हुए यौमुन्नबी का जुलूस बेनिया बाग मैदान में पहुंचा वहां एक उलेमा ने तकरीर की जिसमें पैगम्बर के बताए रास्ते पर चलने की हिदायत दी गयी।
दोपहर एक बजे कोयला बाजार स्थित इमदाद हुसैन के मैदान से बड़ा जुलूस निकाला गया, जुलूस बड़ी छित्तनपुरा, पीली कोठी, व बड़ी बाजार वगैरह इलाके में गश्त करता हुआ देर शाम वापस मैदान में पहुंचकर सम्पन्न हुआ। इसमें भी बड़ी तादाद में लोग शामिल थे। जुलूस के चलते इलाके में भयंकर जाम भी लगा रहा।
शाम को वरुणा पार अर्दली बाजार से बड़ा जुलूस निकाला जाएगा जो वहां से चलकर मकबूल आलम रोड, कचहरी, भोजूबीर समेत वरुणापार के इलाके में गश्त करता हुआ वापस अर्दली बाजार पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जहां पूरी रात जलसा चलता रहा। इसके अलावा पूरे शहर में सैकड़ों जलसे व नातिया महफिलों के मंच सजे। बेनिया मैदान में शाम को एक दिन पहले यौमुन्नबी कमेटी की ओर से हुए नातिया मुकाबले के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।