राजा भइया के पिता की ओर से तैयारियों की आ रही खबरों के बाद विहिप के ऐलान ने प्रशासन के माथे पर बल डाल दिया है। पिछले साल तो किसी तरह से प्रशासन ने भण्डारा अंतिम समय पर रोक दिया था और महाराज उदय प्रताप सिंह को नजरबंद करने की बात भी सामने आयी थी। पर इस बार मामला थोड़ा अलग है। अचानक कुंडा के शेखपुरा आशिक गांव में पड़ने वाले हनुमान मंदिर पर जहां भण्डारा होता चला आया है साफ-सफाई करा दी गयी है। इसके अलावा वहां सड़कों के दोनों ओर भगवा झण्डे गाड़ दिये गए हैं। ये झण्डे भणडारे में आमंत्रण का संकेत हैं। पिता महाराज की ओर से ऐलान भले न किया गाय हो पर तैयारियों से तो यही आभास है कि भण्डारा होगा।
हालांकि पुलिस ने भण्डारे की जगह से झण्डे हटाने का आदेश दिया था, पर इसे अनसुना कर दिया गया और वहां झण्डे नहीं हटाए गए हैं। प्रशासन ने लोगों से साम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है। इसके अलावा मौके पर पुलिस फोर्स भी भेज दी गयी है। बावजूद इसके तैयारियां चल रही हैं। डीएम और एसपी ने इसको लेकर बैठक भी की है। दरअसल राजा भइया के पिता महाराज उदय प्रताप सिंह ताजिया जुलूस के रास्ते में शेखपुरा आशिक गांव में पड़ने वाले मंदिर पर एक बंदर की याद में भंडारा कराते हैं। यह भंडारा ठीक मोहर्रम के दिन ही होता है। पिछले वर्ष इसको लेकर कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई तो हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। बावजूद इसके उदय प्रताप सिंह अड़ गए और किसी तरह पुलिस ने भण्डारा रोका। इस बार मोहर्रम आते ही फिर से वही भंडारा प्रकरण पुलिस और प्रशासन के सामने चिंता का विषय बन गया है। अब इस मामले को लेकर प्रशासन और विहिप आमने-सामने आ गए हैं।
पिछले वर्ष तो प्रशासन किसी तरह सख्ती कर भण्डारा रोककर कोर्ट के आदेश का पालन करने में कामयाब रहा था। पर इस बार विहिप भी बीच में कूद पड़ा है, जिससे पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है। हालांकि पुलिस भी अपनी तरफ से पूरी तैयारी का दावा कर रहा है। देखना यह होगा कि पुलिस कैसे इस स्थिति से निबटकर योगी सरकार के बिना किसी फसाद के मोहर्रम व दशहरा त्योहार सम्पन्न कराने के वादे को पूरा करती है।
by SUNIL SOMVANSHI