यह मंदिर महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद्र की जन्मस्थली लमही स्थित सुभाष भवन के पास इंद्रेश नगर में बन रहा है। इसमें भगवान श्रीराम, के भाइयों, इनकी माताओं, पिता, हनुमान जामवंत, नल नील, जटायु, विभीषण आदि की मूर्तियां होंगी। मंदिर में राम चरित मानस से जुड़े पात्रों के एक साथ दर्शन हो जाएंगे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भगवान राम के प्रति आस्था को जन-जन तक पहुंचाने के लिये श्रीराम पंथ की शुरुआत की है। मंदिर का मकसद है कि रामराज की स्थापना में सहायक रहे देवी देवताओं के दर्शन एक ही जगह हो जाएं।
यह मंदिर वाराणसी के लमही स्थित इंद्रेश आश्रम परसिर में आश्रम द्वारा ही बनवाया जा रहा है। 2000 स्क्वायर फीट में बनने वाला यह विश्व में अपनी तरह का अकेला मंदिर होगा। पिछले आठ दिनों से मंदिर के लिये शिला पूजन का कार्यक्रम चल हा है। नवें दिन मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
आरएसएस के इंद्रेश कुमार ने कहा है कि रामराज्य की स्थापना में सहयोग देने वाले ऋषि पुत्रों, देवताओं और राक्षस कुल के लोगों की मूर्तियां पूजी जाएंगी। इससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि प्रभु श्रीराम ने जात-पात, शत्रु-मित्र, देश, भाषा आदि का भेद किये बिना सबको गले लगाया है।