गांव में जश्न, मिलीं खूब बधाईयां सोमवार की दोपहर में जब जूडो के मुकाबले आरंभ हुए तो काशी में लोग विजय की जीत के लिए बाबा काशी विश्वनाथ से प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन क्वार्टरफाइनल में विजय की पराजय से लोग मायूस हो गए थे। लेकिन विजय ने कम बैक करते हुए शेष दोनों मुकाबले जीत कर भारत के पदक खाते में एक और पदक बढ़ा दिया। इसके साथ ही लोग झूम उठे। सोशल मीडिया पर लोगों ने विजय की जीत पर बधाई और शुभकामनाएं देना शुरू कर दिया। काशी के हर खेल प्रेमी ने ट्विटर और फेसबुक पर विजय को बधाईयां दीं। ऐसा होता भी कैसे नहीं जब अब तक काशी क्या पूर्वांचल में कभी किसी जूडोका ने राष्ट्रकुल खेल में ऐसी सफलता हासिल नहीं की थी। अब वाराणसी के नाम एक मेडल हो गया है।
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बर्मिंघम राष्ट्रकुल खेलों में बनारस के पांच लाल दिखाएंगे दम, पोडियम पर फहराएंगे तिरंगामुफलिसी में भी नहीं हारी हिम्मत बता दें कि विजय के पिता दशरथ यादव खराद का काम करते हैं। छोटा भाई राजू यादव आर्मी में है तो बड़े भाई गुड्डू यादव घर पर रह कर खेती बारी में पिता का हाथ बंटाते हैं। विजय ने पहले ही कहा था कि मेरी पूरी कोशिश होगी कि पदक जरूर आए और उसने अपना वादा पूरा किया।
विजय की उपलब्धियां -2012- ताइपे यूथ एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक
-2013- चीन में यूथ एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक
-2015-कोरिया में ग्रांड प्रिक्स जेजू
-2016- टर्की में सेमसन ग्रांड प्रिक्स में हिस्सा लिया
-2107- हांगकांग में एशियन चैंपियनशिप में पांचवां स्थान
-2017-हंगरी में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लिया
-2018- नेपाल में दक्षेस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
-2022- बर्मिंघम राष्ट्रकुल खेल में कांस्य पदक