क्षेत्र के स्वीकृत नक्शों को निरस्त करने का अधिकार नहीं जिन नक्शों को वाराणसी विकास प्राधिकरण या किसी कानूनी संस्था ने स्वीकृत किया है उसे यह परिषद निरस्त भी नहीं कर सकता। कारण श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के अध्यादेश में उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 को शिथिल या निरसित नहीं किया गया है। 1973 के अधिनियम की कई धाराएं इस अध्यादेश में शामिल जरूर की गई हैं।
किसी भवन या भूमि का अधिग्रहण भी नहीं कर सकता परिषद परिषद किसी भवन या भूमि का अधिग्रहण भी नहीं कर सकता। यह भूमि अवाप्ति (संशोधन) अधिनियम 2013 का उल्लंघन माना जाएगा। वाराणसी नगर निगम ही इस क्षेत्र में भवनों या भूमियों का न्यनतम वार्षिक मूल्यांकन करेगा। यहां हाउस टैक्स, सीवर टैक्स, जलकर आदि पूर्ववत लगता रहेगा। अलबत्ता परिषद उसमें 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर सकता है। संविधान के 74वें संशोधन का पालन करते हुए इस क्षेत्र में नगर निगम द्वारा बनाई गई वाराणसी नगर वार्षक योजना भी इस क्षेत्र में लागू रहेगी।
नई नियमवालि बनने तक परिषद को कोई अधिकार नहीं वाराणसी को अच्छी तरह से समझने व जानने वाले, कानूनों के विशेषज्ञ सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने पत्रिका को बताया कि जब तक उत्तर प्रदेश सरकार इन मुद्दों पर कोई नियमावली नहीं बना लेती तब तक यह पूर्ण रूप से शक्ति संपन्न नहीं होगा। बता दें कि अभी बुधवार को ही परिषद की पहली बैठक में अध्यक्ष व कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने तमाम जानकारियां दी थीं, उसके बाद सपा नेता ने परिषद के अधिकार क्षेत्र को लेकर तमाम सवाल उठाए हैं।