मौसम की मार खेती किसानी पर पड़ना तय है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल कोहरा और बदली से दलहन व तिलहन की फसल को काफी नुकासन पहुंच रहा है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग की भविष्यवाणी के तहत बारिश व ओला पड़ने की आशंका है। ऐसे में गेहूं की फसल पर भी प्रभाव पड़ेगा।
बारिश से प्रभावित खेती (प्रतीकात्मक फोटो)
वाराणसी. मौसम की मार न केवल इंसान पर पड़ रहा है बल्कि ये मौसम इसी तरह से बना रहा तो दलहन व तिलहन की फसल ज्यादा प्रभावित होगी। वहीं अगर ओला पड़ता है तो ये गेहूं की फसल के लिए भी नुकसान दायक होगा। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो सरसों की फसल ज्यादा प्रभावित हो सकती है। इस पर रोग भी लग सकते हैं।
बता दें कि जनवरी की शुरूआत से ही बनारस सहित पूरे पूर्वांचल में बदली, कोहरा का माहौल बना है। पिछले दिनों कुछ बारिश भी हुई। मौसम विभाग का आंकलन है कि अभी मौसम इसी तरह से बना रहेगा। पाकिस्तान की ओर से आ रहे बादल की वजह से पश्चिमी यूपी के जिलों में बारिश शुरू भी हो गई है। दो दिन बाद बनास सहित पूर्वांचल में छिटपुट बारिश की भी आशंका है। ये माहौल खेती-किसानी के लिए नुकसान दायक हो सकता है। खास तौर से दलहन व तिलहन की फसलों को।
लगातार बदली बनी रही तो होगा ज्यादा नुकसान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस के प्रो एसके सिंह ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि अगर बदली का मौसम बना रहा तो दलहन और तिलहन की फसल ज्यादा प्रभावित हो सकती है। बताया कि नमी के चलते सरसों की फसल में माहो का प्रकोप होता है जो बीज बनने को प्रभावित करता है। बीज और फल पर माहो का असर हुआ तो फसल चौपट हो सकती है।
चना, अरहर, मटर पर भी प्रभाव प्रो सिंह बताते हैं कि बदली और नमी ज्यादा दिनों तक बनी रही तो चना, अरहर और मटर की फसल भी प्रभावित होगी। इससे पौधों पर सफेद-सफेद पाउडर जैसा फंफूंद जनित रोग लग जाता है जो पौधों के लिए हानिकारक है। इसके तत्काल रोकने के लिए रेडोमिल -एम जेड नामक फफूदीनाषक का छिड़काव की जरूरत होगी।
माहो से बचाव जरूरी है प्रो सिंह बताते हैं कि माहो के प्रकोप से बचने के लिए किसानों को इमिडाकलोरपिड 1मिलिलीटर प्रतिलिपि पानी के हिसाब से छिड़काव करना होगा। बताया कि अगर सरसों के पौधों पर काला-काला कुछ दिखे तो तत्काल उस पर कीटनाशक का छिड़काव करें। एकाध पौधों में भी काला-काला दिखे तो तुरंत उसे हाथ से भी छुड़ा सकते हैं। अन्यथा इसके फैलने की सूरत में उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है।
ओला पड़ने से गेहूं की फसल होगी प्रभावित उन्होंने बताया कि अगर कहीं ओला पड़ा तो वो सभी फसलों को प्रभावित करेगा। यहां तक कि गेहूं की फसल भी प्रभावित होगी। वजह ये कि अभी जिस तरह से बारिश हुई है उससे तो गेहूं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना है लेकिन ओला पड़ने की सूरत में गेंहूं की फसल लोट जाएगी जिससे किसान की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
ओला सब्जियों को भी करेगा प्रभावित बताया कि ओला सब्जियों पर भी गहरा असर होगा। कहा कि ओला पड़ने से कोई भी फसल हो उसके लोटने का खतरा पैदा हो जाता है।