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डब्ल्यूएचओ ने फाइन पर्टिकुलर मैटर को ध्यान में रख कर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में बनारस में की वायु प्रदूषण की स्थिति 151 माइक्रोग्राम /क्यूबिक मीटर दर्ज की गयी है जो नेशनल सेफ स्टेंडर्ड के अनुसार तीन गुना से अधिक है। रिपोर्ट से साफ हो जाता है कि बनारस में वायु प्रदूषण रोकने के लिए कुछ काम नहीं हो रहा है। पेड़ों की कटाई के बाद कागज पर नये पौधे लगा दिये जाते हैं जो जमीन पर भी लगते हैं वह जिंदा है या मर गये। इसका पता करने वाला भी कोई नहीं होता है। इसके अतिरिक्त शहर का ट्रैफिक लोड व पुराने वाहनों के धुएं ने स्थिति को और खराब कर दिया है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की नयी रिपोर्ट से बनारस के पर्यटन उद्योग को झटका लग सकता है यहां पर देश व विदेशी पर्यटक सबसे अधिक आते हैं ऐसे में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट से बनारस आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या घट सकती है यदि ऐसा होगा तो यहां के पर्यटन उद्योग को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
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