मनमाने तरीके से हो रहा भूगर्भ जल दोहनजल स्तर लगातार जा रहा नीचेगंगा का जलस्तर भी न्यूनतम खतरे के बिंदु तकपेयजल का घोर संकट
नागेपुर में महिलाओं का प्रदर्शन
मिर्जामुरा/वाराणसी. प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र गंभीर जल संकट के दौर से गुजर रहा है। लगातार कई सालो से भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाके डार्क जोन घोषित हो चुके हैं। बावजूद इसके भू गर्भजल दोहन जारी है। हालत यह है कि गंगा का जल स्तर न्यूनतम बिंदु तक पहुंच गया है। लोगों को पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है। जलकल विभाग के पत्र के बाद कानपुर के गंगा गैराज से गंगा में पानी छोड़ा गया है। ऐसे में नागेपुर जो प्रधानमंत्री के पिछले कार्यकाल का आदर्श गांव रहा वहां की महिलाओं ने चिलचिलाती धूप में माथे पर घड़ा लेकर प्रदर्शन किया।
बता दें कि 10 जून को भूजल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में नागेपुर गांव की महिलाओं ने जल दोहन के खिलाफ रैली निकाली। बता दें कि नागेपुर के समीप स्थित मेहंदीगंज में कोका कोला प्लांट है जहां से अंधाधुंध जल दोहन किया जा रहा है। कोका कोला प्लांट के खिलाफ अक्सर धरना प्रदर्शन होता है। लेकिन रसूख के चलते सब कुछ जाया हो जाता है। लेकिन क्षेत्रीय नागरिक लगातार प्रदर्शन करते रहते हैं।
इसी कड़ी में सामाजिक संस्था लोक समिति ने 10 जून भूजल दिवस के दिन ये प्रदर्शन आयोजित किया। इसमें गांव की दर्जनों महिलाओं ने सर पर घड़ा लेकर नागेपुर में नंदघर के सामने प्रदर्शन किया। लोगों ने रैली निकालकर कोका कोला कंपनी के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। मसलन, कोका कोला पानी चोर, दूध दही के देश में कोका कोला नही चलेगा, कोका कोला भगाओ पानी बचाओ, जल दोहन पर रोक लगाओ, कोका कोला का लाइसेंस रद्द करो, आदि नारे लगाए। उन्होंने नई सरकार से अविलंब कोका कोला प्लांट बंद करने की मांग की। लोगों ने प्रधानमंत्री से आराजी लाईन ब्लॉक में पीने का पानी और जल संरक्षण के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने की अपील भी की।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोका कोला कंपनी रोजाना लाखो लीटर भूजल का दोहन कर रही है जिससे आसपास से दर्जनों गांवो में पानी का जल स्तर नीचे चला गया है। इसके कारण गांव के अधिकांश हैण्डपम्प, कुंए, नलकूप व तालाब सूख गए है। लोगों को पीने का पानी और खेती के लिए पानी मिलना मुश्किल हो गया है। गर्मी आते ही कम्पनी और तेजी से पानी का जलदोहन करेगी जिससे पानी का संकट और बढ़ेगा। इतना ही नही कम्पनी के जहरीले कचरे और प्रदूषित पानी से आसपास की मिट्टी और पानी भी जहरीली हो रही है। गांव वालों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शीघ्र कम्पनी को बंद नही किया गया तो सभी सड़क पर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि जल दोहन के कारण आराजी लाइन ब्लाक का भूजल लगातार गिर रहा है, केन्द्रीय भूजल बोर्ड ने इस ब्लाक को अतिदोहित क्षेत्र घोषित कर दिया है और राज्य सरकार ने किसानों के नए हैण्डपम्प और बोरबेल लगाने को प्रतिबंधित कर दिया है, इसके बावजूद कोका कोला कम्पनी पानी की अनियंत्रित जलदोहन कर रही है। लोक समिति द्वारा कंपनी द्वारा किये जा रहे जलदोहन और उसके दुष्प्रभाव पर एक ब्यापक रिपोर्ट बनाई है और प्रधानमंत्री समेत राज्य और केंद्र के सभी सम्बंधित विभागों को कंपनी के उपर कार्यवाही करने की अपील किया हैं।
ग्रामीणों ने माँग किया कि आराजी लाइन ब्लॉक को केन्द्रीय भुजल बोर्ड ने अति दोहित क्षेत्र घोषित कर दिया हैं इसलिए ब्लॉक के समस्त जलाशयो ,जलकुन्डो,कुँओ व तालाबो को संरक्षित करने तथा जलकुन्डो, तालाबो कुँओ पर अवैध अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ कार्यवाही करने,मनरेगा के तहत सार्वजनिक व् निजी जमीनों पर नये तालाब, जलकुन्डो व् कुँओं का निर्माण,मानसुन सत्र पौधरोपण,सार्वजनिक भवनों विद्यालय ,पंचायतभवन,अस्पताल आदि में रेन वाटर हारवेस्टिंग बनाकर जल संचयन का कार्यक्रम तथा किसानों को सिँचाई. के लिए पुरे साल नहर में पानी छोड़ा जाय। धरने में मुख्य रूप से श्यामसुन्दर,अमित,पंचमुखी,अनीता,चन्द्रकला पंचम सरिता,सोनी,कलावती उषा वर्षा बेबी, सीमा, आशा, मधुबाला, मनजीता, शमबानो, प्रेमा, मनीष, गोलू, सुरेश, गुलाब, ममता, मैनम, कुसुम, पूजा, सितारा, सुमन, प्रीति आदि शामिल रहे।