बता दें कि जौनपुर जिले के मछलीशहर सरावां के रहने वाले जोखन यादव मुम्बई में ट्रक चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। हार्ट की दिक्कत होने पर वह 10 जनवरी को मुम्बई में एंजियोप्लास्टी हुई थी। उसके बाद जोखन अपने छोटे पुत्र आनंद के साथ चिकित्सकों की देखरेख में मुम्बई में ही थे कि देश मे लॉकडाउन के कारण वह फंस गए।
इधर जब ट्रेन चलाई गई तो मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) पर चिकित्सकों ने तीन महीने की दवा देकर उन्हें घर भेजा था। ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया तो वह 20 मई का टिकट लेकर लोकमान्य तिलक स्टेशन से वाराणसी के लिए निकले। 23 मई की सुबह काशी स्टेशन से पहले उनका निधन हो गया। ट्रेन में निधन होते ही हड़कम्प मच गया। सूचना पर जीआरपी कैंट ने शव को ट्रेन से उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जोखन की पत्नी के अलावा दो पुत्र व दो पुत्रियां है।
बेटे ने किया था पीएम मोदी को ट्वीट
लोकमान्य स्टेशन से श्रमिक ट्रेन पकड़ने के बाद जब पैंट्री नहीं मिली तो बेटे आनंद ने पीएम मोदी (PM Modi) को ट्वीट कर अपनी व्यथा लिखी और कहा कि पिता जोखन हर्ट के पेशेंट है और ट्रेन में भोजन-पानी का प्रबंध भी नहीं है। ऐसे में समस्याएं बढ़ गई है। निधन के समाचार मिलते ही परिवार पूरे सिस्टम को कोस रहा है। अब परिवार के लोग कह रहे हैं की रेलवे की लापरवाही ने पिता की जान ले ली।