गर्भावस्था में मलेरिया होने पर जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा World Malaria Day 2022 पर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर जन जागरूक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मौके पर सीएमओ ने बताया कि मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण थकान की वजह से एनीमिया, दौरा या चेतना की हानी की स्थिति बन जाती है। सेरिब्रल मलेरिया में परजीवी रक्त के जरिए मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और यह शरीर के अन्य अंगों में भी पहुंच कर हानि पहुंचाते हैं। गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है । यह बीमारी मादा मच्छर एनोफीलिज के काटने के कारण होती है। अगर मलेरिया का संक्रामक मच्छर काट लेता है तो स्वस्थ मनुष्य में 10 से 14 दिन बाद यह रोग विकसित होता है।
शाम और सुबह काटता है मलेरिया का मच्छर जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय ने बताया कि मलेरिया का मच्छर सामान्यतः शाम और सुबह के बीच काटता है । अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरे को भी संक्रमित कर सकता है । मच्छर के काटने के बाद इसका परजीवी लीवर के जरिये लाल रक्त कोशिकाओं तक पहुंचता है और संक्रमण पूरे शरीर में फैलने लगता है और यह रक्त कोशिकाओं को तोड़ने लगता है । संक्रमित रक्त कोशिकाएं हर 48 से 72 घंटे में फटती रहती हैं और जब भी फटती हैं बुखार, ठंड लगना और पसीना आने जैसे लक्षण भी सामने आते हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन का परामर्श है कि गर्भवती को मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाना चाहिए क्योंकि उनमें मलेरिया होने से जटिलताएं बढ़ जाती हैं ।
जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने को अभियान शुरू एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉक्टर एस एस कनौजिया का कहना है कि जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय और मलेरिया निरीक्षकों की टीम जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के जरिये अभियान में जुटे हुए हैं, लेकिन लोगों की सतर्कता अधिक आवश्यक है । मलेरिया बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रिम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में किटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं, मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं ।
ये रहे मौजूद इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय, जिला क्षय एवं कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ राहुल सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पांडे, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डीपीएम संतोष सिंह, समस्त शहरी व ग्रामीण पीएचसी सीएचसी के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य चिकित्साधिकारी तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।