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World Population Day: जानिए क्यूं मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, इनसे जुड़ी खास बातें

locationवाराणसीPublished: Jul 11, 2019 11:29:40 am

Submitted by:

sarveshwari Mishra

जानिए किसके द्वारा की गई थी विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना

World population Day 2019

World population Day 2019

वाराणसी. हर वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है। देश और विश्व में लगातार बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए, विश्व जनसंख्या दिवस पर इसकी जागरूकता फैलाने के साथ ही इसके दुष्परिणामों पर भी प्रकाश डाला जाता है। इसकी स्थापना 11 जुलाई 1989 को युनाइटेड नेशन के द्वारा की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल थी कि 11 जुलाई को हर साल पूरी दुनिया में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाएगा।
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हमारे देश में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने जरूरी है। इसीलिए आज के दिन विश्व में बढ़ती जनसंख्या के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। बढ़ती जनसंख्या विश्व के लिए चिंता का विषय है। देश में बढ़ती भूखमरी, बेरोजगारी भी इसी की वजह है।

विश्व जनसंख्या दिवस क्या है?
हर वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस आबादी के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और इसके महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरूआत पहली बार 11 जुलाई 1989 को हुई थी। वर्ल्डमीटर के मुताबिक मौजूदा विश्व की जनसंख्या 7.6 अरब से भी ज्यादा है और ये हर साल तेजी से बढ़ रही है।
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कब है विश्व जनसंख्या दिवस?
विश्व जनसंख्या दिवस हमेशा 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस साल ये गुरूवार को पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है।
विश्व जनसंख्या क्या है?
वर्ल्डमीटर के मुताबिक मौजूदा विश्व की जनसंख्या 7.6 अरब से भी ज्यादा है और ये हर साल तेजी से बढ़ रही है।

इन बातों का रखें ध्यान
1. फैमिली प्लानिंग बिना किसी जात, धर्म, रंग, भाषा, सेक्स, राजनीति, नेशनल ऑरिजीन, मैरेटल स्टेटस, सेक्सुअल ओरिंटेशन बिना किसी भेदभाव के किया जाए।

2. सबसे जरूरी चीज यह है कि लोगों के बीच इसकी जागरुकता सही तरीके से पहुंचाया जाए। ताकि इसे समझने में किसी तरह की दिक्कत न हो। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को इस बात की पूर्ण स्वायत्तता होनी चाहिए कि बिना दबाव मुक्त, बिना किसी गलतफहमी के साथ अपनी हेल्थ से जुड़े फैसले ले सके।

3. हर एक इंसान को इस बात की आजादी होनी चाहिए कि वह अपने हेल्थ से जुड़े फैसले ले सकता है जैसा वह ठीक समझे क्योंकि हर इंसान का यह पूर्ण अधिकार है।

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