एक ट्रांसजेंडर सहित 5936 मरीज विश्व टीबी दिवस पर टीबी को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित वाराणसी क्षय विभाग और जिला क्षय अधिकारी की टीम दिन-रात मरीजों को चिह्नित करने और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने एक लिए तत्पर है। जिला क्षय अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि हमारी टीम निरंतर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करती रहती है। बनारस जिले में आज की तारीख में कुल 5936 मरीज हैं जिसमे एक ट्रांसजेंडर भी है।
समय-समय पर ली जाती है जानकारी
डॉ पीयूष राय ने बताया कि सभी मरीजों का पंजीकरण हमारे यहां है। कबीरचौरा स्थित जिला क्षय केंद्र से समय-समय पर इन सभी मरीजों को फोन करके या टीमों को इनके घर भेजा कर इनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही सरकार की योजना के अनुरूप इन्हे पोषण किट भी वितरित किया जाता है। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी स्तर पर कैम्प लगाकर लोगों को इससे बचाव की जानकारी दी जाती है।
शहरी क्षेत्र में ज्यादा हैं मरीज जिला क्षय केंद्र के चिकित्साधिकारी डॉक्टर अन्वित श्रीवास्तव ने patrika.com को बताया कि वाराणसी में ग्रामीण क्षेत्र की मुकाबले शहरी क्षेत्र में टीबी के मरीज ज्यादा हैं। इसका कारण धुंआ और प्रदूषण के साथ ही साथ तम्बाकू और सिगरेट का सेवन है। उन्होंने बताया कि वाराणसी शहर में इस समय 3736 और ग्रामीण इलाकों में कुल 2200 टीबी के चिह्नित मरीज हैं।
स्पेशल ड्राइव में चिह्नित हुए 593 नए मरीज डॉ अन्वित ने बताया कि 9 मार्च से वर्ल्ड टीबी डे को देखते हुए हमने पूरे जनपद में टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए ड्राइव चलाई थी। इस ड्राइव में 593 नए मरीज चिह्नित हुए हैं। इसमें पब्लिक सेक्टर में 396 और प्राइवेट सेक्टर में 197 मरीज मिले हैं। जिन्हे पोषण किट के साथ ही साथ जरूरी दवाइयां उपलब्ध करवाते हुए सभी सावधानिया बरतने को कहा गया है।
महिलाओं की संख्या अधिक जिला क्षय केंद्र के चिकित्साधिकारी ने बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। इसमें महिला मरीजों की संख्या 3037 है जिसमें 255 बाल रोगी और 2782 एडल्ट हैं। वहीं जिले में 2898 में पुरुष मरीज हैं, जिसमें बाल रोगियों की संख्या 145 और एडल्ट्स की संख्या 2753 है। वहीँ बनारस में एक ट्रांसजेंडर मरीज भी है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में यह बिमारी सही आहार और पोषण न मिलने की वजह से ज्यादा है। ज्यादातर महिलाएं काम के प्रेशर में अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखती जबकि उन्हें आयरन की अत्याधिक आवश्यकता होती है।
साल भर में ठीक हुए 10 हजार से अधिक मरीज डॉक्टर अन्वित श्रीवास्तव ने patrika.com को बताया कि प्रधानमंत्री के 2025 टीबी मुक्त भारत के विजन पर वाराणसी का भी जिला क्षय केंद्र काम कर रहा है। इस साल वाराणसी जनपद में कुल 10220 टीबी के मरीज स्वस्थ हुए हैं जो की बड़ी सफलता है। हमारा लक्ष्य 2024 में काशी को टीबी मुक्त बनाने का है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और यहां से उन्होंने हमेशा दुनिया को सन्देश दिया है।