विवाह के लिहाज से बाबा को सबसे पहले हल्दी लगाई जाएगी। यह रस्म रविवार को मनाई जाएगी। ये सारी प्रक्रिया महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर होगी।
महाशिवरात्रि पर लगातार 44 घंटे बाबा का दर्शन पूजन होगा। मंदिर का कपाट 28 फरवरी व एक मार्च को भोर में ढाई बजे मंगला आरती के लिए खुलेगा। फिर दो मार्च की रात शयन आरती तक दर्शन-पूजन जारी रहेगा। महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह भी होगा। ऐसे में मान्यता है कि इस विवाह में समस्त देवी-देवता भी मौजूद रहते हैं। लिहाजा कोई द्वार बंद नहीं किया जाता।
वाराणसी
Published: February 26, 2022 12:12:04 pm
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