योग के पाठ्यक्रम से मिलेगा रोजगार कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि इस आशय का पत्र कुलाधिपति के विशेषकार्याधिकारी प्रो पंकज एल जानी के स्तर से प्रेषित किया गया था, जिसमे यह पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित किए जाएगे तथा इन पाठ्यक्रमों को परिनियमावली में यथास्थान पर समाहित करने का भी निर्देश प्राप्त है। योग मे स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थी को योग मे शोध भी कराया जायेगा, जिससे उन्हे रोजगार के विभिन्न आयामों से जोड़ा जा सकेगा। विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय स्तर पर इन्हे योग शिक्षक बन कर सेवा करने का अवसर आसानी से प्राप्त होगा।
कोरोना काल में संपूर्ण विश्व ने योग से जुड़कर हमारी संस्कृति और संस्कार को आत्मसात किया कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व योग की तरफ देख रहा साथ ही उसमे जीने की कोशिश कर रहा है। देश की सरकार के पहल से सम्पूर्ण विश्व योग दिवस को स्वीकार कर चल रहा है। वर्तमान समय में कोरोना की स्थिति में सम्पूर्ण विश्व मे योग से जुड़कर हमारी संस्कृति और संस्कार को आत्मसात किया।
एमए -आचार्य हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम दो वर्षीय एम•ए•हिन्दू अध्ययन(हिन्दू स्टडी)पाठ्यक्रम का संचालन भी स्ववित्तपोषित योजना के अन्तर्गत इसी शैक्षिक सत्र से प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होगी। बता दें कि इस पाठ्यक्रम को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और लालबहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पाठ्यक्रमों की समीक्षा करके तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम हिन्दू धर्म के वैशिष्ट्य एवं परम्परा पर आधारित है। इस पाठ्यक्रम में मुख्य रूप से तत्व एवं प्रमाण विमर्श, वाद परम्परा एवं शास्त्रों के अर्थ निर्धारण की पद्धति, भारतीय दर्शन(शास्त्रार्थ), वेदो, पुराणों व दर्शन के सार तत्व, पाश्चात्य ज्ञानमीमांसा, रामायण, महाभारत, स्थापत्य, लोकवार्ता, हिन्दू कला, नाट्य एवं भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान ,जैन, पाली, फारसी, प्राकृत आदि विषयों को रखा गया है, जिसके तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित है।
शीघ्र शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इस विश्वविद्यालय में शीघ्र ही प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ किया जायेगा।इस पाठ्यक्रम मे पाश्चात्य दार्शनिकों का तुलनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है।इसके अन्तर्गत पाठ्यक्रमों में पेपर चयन करने का विकल्प भी होगा।
पाठ्यक्रम में सीबीएस एवं ग्रेडिंग लागू होगा
कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि शासन के दिशानिर्देश के आलोक विश्वविद्यालय को सूचित किया गया कि नई शिक्षा निति के आलोक मे उक्त पाठ्यक्रम च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम(सीबीसीएस) एवं ग्रेडिंग प्रणाली आधार पर पाठ्यक्रम को परिवर्तित किया जायेगा।